Essay on the topic "प्रदूषण की समस्या " in 150 words. IN HINDI
URGENTTTTT!!!
Answers
विज्ञान ने कुछ मनुष्यों को ढेर सारी सुविधाएँ दी हैं तो सबको ढेर सारी समस्याएँ। प्रदुषण का जन्म अंधाधुन वैज्ञानिक प्रगति के कारण हुआ हैं। मनुष्य ने अपने भवन सुंदर बनाने के लिए वन काटे, पहाड़ तोड़े, और ईट-बजरी के निर्माण किए, विद्युत -गृह और ताप- घर बनाये , परमाणु-भाटि्टया बनायी। मनुष्य की इस अंधाधुन प्रगति के दुष्परिणाम यह हुआ की हमारा समुचा परिवेश जीवन घातक तत्त्वों से भर गया। वायु में कार्बन डाइआक्साइड, कारख़ाने का धूआं, विषैली गैसे,आदि भर गईं हैं। माहनागरो में स्वच्छ वायु में साँस लेने को आदमी तरस गया हैं।
धरती पर गर्मी बढ रही हैं। रहने योग भूमि और कम हो रही हैं। जल प्रदूषण का खतरा भी हमारे सामने हैं। उद्योग के विषयले कचरे से सभी नादियाँ, नहरें, भूमि दुषित हो रही है। फलस्वरूप हमें प्रदुशित फसलें मिलती हैं और गन्दा जल मिलता हैं।
समय आ गया लेप लगाये,रखें इसका ध्यान।
पहनायें धरती को सुर्भित पेडों के परिधान।
धरा वधू-सी मुस्काये कर फूलों से सिन्गार ।।
Answer:
प्रदूषण की समस्या
आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है । विज्ञान ने हमें नाना प्रकार के सुख साधन प्रदान किए हैं । जिनके कारण हमारी धरती नंदनवन बन गई है । विज्ञान ने जहां हमें अनेक प्रकार के वरदान दिए हैं । वहीं कुछ ऐसी समस्याएं भी पैदा की है । जो आज भी संतम अभी श्राफ बनकर हमारे अस्तित्व को ही समाप्त करने पर तुली हुई है । प्रदूषण भी उनमें से एक है |
प्रदूषण का अर्थ है - 'दोष युक्त ' |
आज धरती के दूषित वातावरण में पर्यावरण और वायुमंडल भी प्रदूषित हैं | मनुष्य ने प्रकृति से जिस प्रकार छेड़छाड़ की है , जिस प्रकार उसका अंधाधुंध दोहन किया है , उसी का दुष्परिणाम है प्रदूषण |
प्रदूषण मुख्यत : चार प्रकार का हो सकता है -
- वायु प्रदूषण ,
- ध्वनि प्रदूषण ,
- भूमि प्रदूषण , और
- जल प्रदूषण
⚫ प्रदूषण एक समस्या है । जनसंख्या की अधिकता तथा इसके लिए आवास की समस्या को हल करने के लिए वृक्षों की जिस प्रकार अंधाधुंध कटाई की जा रही है । उसे प्रकृति भी नाराज होकर हमसे बदला लेती है । आज शुद्ध शुद्ध वायु और नितांत अभाव होता जा रहा है । वायुमंडल में मिली जहरीली गैसें एक काम कर रही है । जो धीरे-धीरे हमारे स्वास्थ्य को घुन की तरह खाए जा रहा है ।
⚫प्रदूषण से बचने के लिए अधिक से अधिक वृक्षों का लगाना जाना बहुत आवश्यक है । इसके लिए युद्धस्तर पर प्रयास किया जाने वाला आवश्यक है । सरकार के ऐसे उद्योगों को आवासीय स्थानों से दूर लगाना चाहिए । जो प्रदूषण फैलाते हैं , वनों की कटाई पर रोक लगाना भी आवश्यक है । सरकार को ऐसे कानून बनाने चाहिए । जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हो कि जो उद्योग प्रदूषण आएगा । उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी ।
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