Essay on the topic vigyaan ke bdhte charan
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सच ही कहा गया है- आज कि सभ्यता कलयुगी सभ्यता है, कल अर्थात मशीनों का युगI आज का मनुष्य विज्ञान के बल पर न जाने कितनी मशीनों का निर्माण कर चुका हैI
आज किसी भी क्षेत्र में विज्ञान के बिना एक कदम भी आगे बढ़ पाना संभव नहीं हैI व्यक्तिगत रूप से दिन-प्रतिदिन के जीवन का हर कार्य-वह चाहे खाना पकाना हो, ज्ञान प्राप्ति हो या मनोरंजन-विज्ञान पर निर्भर हैI यातायात के साधन, चिकित्सा का क्षेत्र, संचार कि सुविधाएँ, शिक्षा, कृषि सभी क्षेत्रों में विज्ञान का ही बोलबाला हैI मनुष्य अन्य ग्रहों पर पंहुच गया हैI
ठोस धरती को छोड़कर, उसके नीचे का अध्ययन कर रहा हैI कंप्यूटर और मोबाइल, विमान और सेटेलाइट जैसे साधनों से दुनिया सिमट कर बहुत छोटी हो गई हैI विज्ञान ने आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में घर कर लिया हैI हमें हाथ हिलाने की भी आवश्यकता नहीं है, बस बटन दबाइये और काम हो जायेगाI
किंन्तु आवश्यकता इस बात कि है कि हम ध्यान रखें कि विज्ञान के बढ़ते चरण हमें दबा ही न डालेंI हथियारों का निर्माण कर विज्ञान का प्रयोग हम मानव जाती के संहार के लिए न करने लगेंI हमें मानवता को सुरक्षित रखना होगा और नैतिक पतन से बचना होगाI
आज किसी भी क्षेत्र में विज्ञान के बिना एक कदम भी आगे बढ़ पाना संभव नहीं हैI व्यक्तिगत रूप से दिन-प्रतिदिन के जीवन का हर कार्य-वह चाहे खाना पकाना हो, ज्ञान प्राप्ति हो या मनोरंजन-विज्ञान पर निर्भर हैI यातायात के साधन, चिकित्सा का क्षेत्र, संचार कि सुविधाएँ, शिक्षा, कृषि सभी क्षेत्रों में विज्ञान का ही बोलबाला हैI मनुष्य अन्य ग्रहों पर पंहुच गया हैI
ठोस धरती को छोड़कर, उसके नीचे का अध्ययन कर रहा हैI कंप्यूटर और मोबाइल, विमान और सेटेलाइट जैसे साधनों से दुनिया सिमट कर बहुत छोटी हो गई हैI विज्ञान ने आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में घर कर लिया हैI हमें हाथ हिलाने की भी आवश्यकता नहीं है, बस बटन दबाइये और काम हो जायेगाI
किंन्तु आवश्यकता इस बात कि है कि हम ध्यान रखें कि विज्ञान के बढ़ते चरण हमें दबा ही न डालेंI हथियारों का निर्माण कर विज्ञान का प्रयोग हम मानव जाती के संहार के लिए न करने लगेंI हमें मानवता को सुरक्षित रखना होगा और नैतिक पतन से बचना होगाI
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