essay on this topic in hindi
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Answer:
देश के सच्चे प्रहरी सैनिक और किसान है दोनों ही देश की प्रगति तथा सुरक्षा के लिए अनिवार्य है जांबाज सैनिकों तथा अन्नदाता किसानों का महत्व।
हर व्यक्ति अपना एवं अपने परिवार के जीवन व्यापन के लिए कोई न कोई पेशा अवश्य अपनाता है, ठीक इसी क्रम में कुछ लोग देश कि रक्षा करने के कार्य को अपनाते हैं। यह उनका अपने देश के लिए प्रेम ही तो है कि वे अपने घर वालों को पीछे छोड़कर देश कि सेवा के लिए चले जाते हैं। एक सैनिक का जीवन बहुत कठिन होता है और वे ऐसी-ऐसी परिस्थितियों में रहकर हमारी रक्षा करते हैं कि हम इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
Explanation:
सैनिक बनने के लिए कड़ी तपस्या करनी पड़ती है और एक सैनिक के जीवन का उद्देश्य ही देश हित से अधिक और कुछ नहीं होता। माना कि उन्हें इस बात के पैसे मिलते हैं, परंतु पैसे मिलने के बाद भी हम में से कुछ गिने चुने ही लोग सैनिक बनना पसंद करते हैं। क्योंकि इसके लिए हिम्मत के साथ-साथ व्यक्ति के पास देश के लिए मर मिटने का भाव भी होना चाहिए। हमें सदैव उनके शुक्रगुजार होना चाहिए और क्यों कि वे अपने परिवार से दूर रहते हैं, तो आपके आस-पास ऐसा कोई परिवार रहता हो तो सदैव उनकी सहायता करें।हालांकि सैनिक भी इंसान ही होते हैं, पर वे अपने जीवन में इतने अनुशासित होते हैं, कि आम लोगों को एक रोबोट कि भांति नजर आते हैं। अनुशासन बहुत अच्छी चीज है पर आम आदमी अपने दैनिक जीवन में उतना अनुशासन का पालन कर ही नहीं सकता, जितना कि एक सैनिक करता है।
उनकी एक छोटी सी भूल से देश को बहुत बड़ी क्षति पहुंच सकती है। शायद यही वजह है उनके इतने अनुशासित रहने की। सैनिकों पर सदैव जान का खतरा बना रहता है, फिर भी वे सीमाओं पर डटे रहते हैं और यह सबके बस की बात नहीं है।
किसान माटी के समृत होते हैं। वे मिट्टी से सोना उपजाते हैं। वे अपने श्रम से संसार का पेट भरते हैं। वे अधिक पढ़े-लिखे नहीं होते परंतु उन्हें खेती की बारीकियों का ज्ञान होता है । वे मौसम के बदलते मिजाज को पहचान कर तदनुसार नीति निर्धारित करने में दक्ष होते हैं । सचमुच प्रकृति के सहचर होते हैं हमारे किसान ।
किसानों का मुख्य पेशा कृषि है । पशुपालन उनका सहायक पेशा है । पशु कृषि कार्य में उनका सहयोग करते हैं । बैल उनका हल और गाड़ी खींचते हैं । गाय उनके लिए दूध, गोबर और बछडे देती है । वे भैंस, बकरी आदि भी पालते हैं जिनसे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है । इन पालतू पशुओं को पालने में उन्हें विशेष कठिनाई नहीं होती क्योंकि ये कृषि उत्पादों यथा पुआल, भूसा, खली, अनाज खाकर जीवित रहते हैं । पशुओं के लिए घास खेतों और बागानों से उपलब्ध हो जाता है ।
किसान बहुत परिश्रमी होते हैं । वे खेतों में जी-तोड़ श्रम करते हैं । वे मेहनत करके अनाज, फल और सब्जियाँ उगाते हैं । खेतों में फसल उगाने के लिए अच्छी तरह जुते हुए खेतों में बीज डाला जाता है । बीजों में अंकुर निकल आता है और धीरे- धीरे ये पौधे का रूप ले लेते हैं । पौधों की सिंचाई की जाती है । पौधों के बीच उग आए खर-पतवार निकालकर खेतों में खाद डाला जाता है । आवश्यकता पड़ने पर किसान कीटनाशकों का प्रयोग भी करते हैं ।