Essay on topic my favourite reality show KBC in hindi
Answers
Answered by
7
केबीसी यानी कि "कौन बनेगा करोडपति" शो वर्ष 2000 में शुरू हुआ था.
इस शो के ज़रिए अमिताभ बच्चन ने छोटे पर्दे पर अपना पहला बड़ा क़दम रखा था.
जब ये शो शुरू हुआ तो ख़ुद अमिताभ बच्चन को भी उम्मीद नहीं थी कि ये शो इतना लोकप्रिय हो जाएगा और 2000 में शुरू हुआ यह शो 2013 तक भी क़ायम रहेगा. इस शो ने जाने कितने लोगों के सपनों को पूरा किया. हर आम आदमी की तरह मेरा भी सपना था कि मैं भी कौन बनेगा करोड़पति में हिस्सा लूँ. ये कभी मुमकिन नहीं हो पाया लेकिन कुछ दिन पहले कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी.
मुझे कौन बनेगा करोड़पति शो से एक ई-मेल आया जिसमें लिखा था, "भाग लीजिए केबीसी में और पाएं मौक़ा हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के साथ इस गेम की शुरुआत करने का." केबीसी -सात, सितंबर में शुरू हो रहा है. अमिताभ चाहते थे कि इस बार वो सबसे पहले पत्रकारों के साथ केबीसी खेलें और बाद में आम जनता के साथ.
केबीसी का फ़ॉर्म मुंबई और दूसरे शहरों के पत्रकार, सबको भेजा गया था. मेरे पास भी फ़ॉर्म आया. सोचा क्यों ना एक बार क़िस्मत आज़मा ली जाए. मैंने उस फ़ॉर्म को भर दिया. उस फ़ॉर्म में कुछ कठिन सवाल भी थे जिसके जवाब हमें जल्द से जल्द देने थे. जवाब दिया और भेज दिया. साथ ही फिर से व्यस्त हो गई अपने काम में. अगले दिन सुबह फ़ोन की घंटी बजी. केबीसी वालों की तरफ़ से फ़ोन आया था.
HOPE It helps ✌️✌️✌️
इस शो के ज़रिए अमिताभ बच्चन ने छोटे पर्दे पर अपना पहला बड़ा क़दम रखा था.
जब ये शो शुरू हुआ तो ख़ुद अमिताभ बच्चन को भी उम्मीद नहीं थी कि ये शो इतना लोकप्रिय हो जाएगा और 2000 में शुरू हुआ यह शो 2013 तक भी क़ायम रहेगा. इस शो ने जाने कितने लोगों के सपनों को पूरा किया. हर आम आदमी की तरह मेरा भी सपना था कि मैं भी कौन बनेगा करोड़पति में हिस्सा लूँ. ये कभी मुमकिन नहीं हो पाया लेकिन कुछ दिन पहले कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी.
मुझे कौन बनेगा करोड़पति शो से एक ई-मेल आया जिसमें लिखा था, "भाग लीजिए केबीसी में और पाएं मौक़ा हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के साथ इस गेम की शुरुआत करने का." केबीसी -सात, सितंबर में शुरू हो रहा है. अमिताभ चाहते थे कि इस बार वो सबसे पहले पत्रकारों के साथ केबीसी खेलें और बाद में आम जनता के साथ.
केबीसी का फ़ॉर्म मुंबई और दूसरे शहरों के पत्रकार, सबको भेजा गया था. मेरे पास भी फ़ॉर्म आया. सोचा क्यों ना एक बार क़िस्मत आज़मा ली जाए. मैंने उस फ़ॉर्म को भर दिया. उस फ़ॉर्म में कुछ कठिन सवाल भी थे जिसके जवाब हमें जल्द से जल्द देने थे. जवाब दिया और भेज दिया. साथ ही फिर से व्यस्त हो गई अपने काम में. अगले दिन सुबह फ़ोन की घंटी बजी. केबीसी वालों की तरफ़ से फ़ोन आया था.
HOPE It helps ✌️✌️✌️
Similar questions