essay on topic pram chandran in hindi
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भूमिका- सुधा चंद्रन एक सुप्रसिद्ध अभीनेत्री और नृत्यिका है। इन्हें छोटे परदे पर इनको नेगिटव रोल के लिए जाना जाता है। इनका जीवन बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है और यह एक बहुत ही महान महिला है।
जन्म- सुधा चंद्रन का जन्म 21 सितंबर, 1964 को केरल के कन्नूर जिले में हुआ था। इनके पिता मुंबई के रहने वाले थे। इनके पिता का नाम के.डी.चंद्रन था और वह एक अभिनेता थे।
शिक्षा- सुधा चंद्रन ने दंसवी तक अपनी कक्षा में 80 प्रतिशत तक अंक प्राप्त किए थे और उसके बाद उन्होंने आर्टस लेकर अपने करियर की शुरूआत की थी। इन्होंने मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से एम.ए. की थी।
बचपन- सुधा चंद्रन ने तीन वर्ष की आयु में ही भारत शास्त्रीय नृत्य सीखना आरंभ कर दिया था। 16 वर्ष की आयु में ये भरत नाट्यम के लिए बहुत प्रसिद्ध हो गई थी। 17 साल की उमर में उनकी एक कार दुर्घटना में टाँग टुट गई थी और उसमें संक्रमण हो गया था जिसके कारण उसे काटना पड़ा था। उसके स्थान पर एक कृत्रिम टाँग लगाई गई है जिसके साथ नृत्य करना बहुत मुश्किल था लेकिन उनके आत्मविश्वास के कारण वह फिर से नृत्य के लिए प्रसिद्ध हो गई थी।
प्रथम फिल्म- 1982 में इनके जीवन के उपर तमिल में मयूरी नामक फिल्म बनाई गई थी जिसका 1986 में हिंदी में नाचे मयुरी के नाम अनुवाद किया गया है।
निष्कर्ष- सुधा चंद्रन नैशनल एशोसियन ऑफ डिसेब्लड एंटरप्राईजिज की वाईस चेयरमैन भी है जो कि असक्षम लोगों की सहायता करता है। इन्होंने अपने जीवन में बहुत सी फिल्मों में काम किया है। इनका जीवन बहुत से लोगों के लिए आदर्श है। इन्हें नेशनल फिल्म अवार्ड, नंदी स्पेशल जुरी अवार्ड आदि से सम्मानित किया है। सुधा चंद्रन एक सफल महिला है जिन्होंने अपनी कमजोरियों से हार मानने की बजाय सबक लिया है।