Hindi, asked by preetimohan2209, 1 year ago

essay on uttam jeevan in hindi​

Answers

Answered by kanaklata13
3

Answer:

मनुष्य के भीतर अनेक शक्तियाँ निहित है, उन सभी में सबसे सर्वोत्तम स्थान चरित्र का है | मनुष्य जिनसे अपने अन्दर अच्छे आचरण और गुणों का विकास करता है वह शक्ति चरित्र ही है | इसलिए चरित्र के सम्बन्ध में किसी ने यह उल्लेखनीय बात कही है कि, जिनके चरित्र से शील का आलोक प्रकट होता है, उनके लिए अग्नि शीतल हो जाती है, समुद्र नाली के समान हो जाता है, सुमेरु एक शिला तुल्य हो जाता है, सिंह मृग के सदृश्य हो जाता है, सर्प माला जैसा बन जाता है तथा विष अमृत के रूप में परिणित हो जाता है |

मनुष्य को जीवन जीने की कला सद्चरित्रता ही सिखाती है | अच्छा आचरण तथा चरित्र किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक होते है | ये चरित्र ही है जो नि:स्वार्थ भाव, इमानदारी, धारणा, साहस, वफादारी और आदर जैसे गुणों के मिलेजुले रूप में व्यक्ति में दिखते है | चरित्रवान व्यक्ति में आत्मबल के साथ – साथ उच्चकोटि का धैर्य एवं विवेक निश्चित रूप से होता ही है |

मनुष्य के व्यक्तित्व की सबसे मजबूत पूंजी चरित्र ही हैं जिस को निरन्तर बनाये रहने पर अपना और अपने देश की भलाई है | यह तो एक ऐसा हीरा है जो हर एक पत्थर को घिस सकता है और यह भी सच है कि चरित्र स्वयं हीरा है जो कठिन परिस्थितियों में घिस – घिस कर चमकता है | चरित्र से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है क्योंकि सत्य, अहिंसा, सदाचार आदि नैतिक मूल्यों से चरित्र का निर्माण होता है | चरित्र मानव की वास्तविक शक्ति है |

चरित्र का उत्थान ही नैतिक मूल्यों की मजुषा एवं चारित्रिक उत्थान का मार्ग है |

Similar questions