Hindi, asked by samsam7971, 5 hours ago

essay on विधार्थी और अनुशासन​

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Answered by trisha8970
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Answer:

किसी समाज के निर्माण में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । अनुशासन ही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रदान करता है तथा उसे समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है । विद्‌यार्थी जीवन में तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह वह समय होता है जब उसके व्यक्तित्व का निर्माण प्रांरभ होता है ।

Answered by JungkookOppa17
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Answer:

विद्यार्थी ही किसी देश का भविष्य होते हैं। एक राष्ट्र की प्रगति का आधार उसके विद्यार्थी ही हैं। अगर विद्यार्थी आदर्शवादी होंगे तो देश का भविष्य उज्जवल होगा। आदर्श विद्यार्थी युवा पीढ़ी का पथ प्रशस्त करते हैं।आदर्श विद्यार्थी वह नहीं है जो कक्षा में बहुत अच्छे अंक लाता है, या नये नये प्रतिमान स्थापित करता है, बल्कि वहीं विद्यार्थी आदर्श कहला सकने का अधिकारी है जो न केवल पढ़ाई में अच्छा है, मगर अच्छा इंसान भी है। जो कर्त्तव्यनिष्ठ और ईमानदार है, सत्यवादी और न्यायप्रिय है।

जो सदैव सभी की सहायता के लिये तत्पर रहता है। पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी गंभीर है।

जो खेलकूद में भी रूचि रखता हो, वाद विवाद की भी योग्यता रखता हो। आदर्श विद्यार्थी में पुरस्कार जीतने के साथ साथ हदय जीतने की क्षमता होना भी जरूरी है।आदर्श विद्यार्थी का अर्थ है- ऐसा विद्यार्थी जिसका आचरण एवं व्यवहार अन्य विद्यार्थियों के लिये उदाहरण बने। जिसका सोचने का दायरा, जिसकी सोच अपने तक सीमित न हो, जो देश विदेश के बारे में भी ज्ञान रखता हो। और जो एक अच्छा नागरिक और देश प्रेमी हो।

अच्छा विद्यार्थी ही अच्छे नागरिक का पर्याप्त हो सकता है। अच्छा विद्यार्थी आदर्श बालक बालिका वही है जो बड़ों का सम्मान करे और छोटों से स्नेह रखे। जो सभी धर्मों का सम्मान करे और समभाव रखे। अपने देश के कानून और समाज का आदर करे और आत्म उन्नति एवं राष्ट्र उन्नति में सहायक हो।

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