Essay on Varsha jal hai jeevan dhaara in Hindi
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डीएम शकुंतला गौतम ने कहा कि जिले में 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। आमजन को भूगर्भ जल बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
डीएम ने कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय भू जल सप्ताह गोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। वर्षा जल है जीवन धारा, इसका संचयन संकल्प हमारा के संकल्प के साथ अभियान चलेगा। शहरी क्षेत्रों में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग अपने अधीनस्थ प्राधिकरण में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद आदि के माध्यम से इस आयोजन की अवधि में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जन जागरूकता हेतु पोस्टर बैनर होर्डिंग आदि का प्रदर्शन कराएं। गैर सरकारी संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं सामाजिक संगठनों का भी सहयोग प्राप्त किया जाना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र, जिला विज्ञान क्लब, पर्यावरण शिक्षा केंद्र, शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी केंद्र, जल उपभोक्ता समितियां, रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी, भारतीय उद्योग परिसंघ, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, युवा मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र जैसे संगठनों को भी कोविड-19 के दृष्टिगत इस आयोजन से जोड़ने का प्रयास किया जाएं। भू जल संरक्षण का संदेश आम जनता तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को प्रेरित किया। जल बचाओ पृथ्वी बचाओ भूगर्भ जल सप्ताह मनाओ के स्लोगन के साथ आयोजन होंगे। राजकीय कृषि बीज गोदाम पर किसानों को पानी बचाने की सलाह दी जाएं और उन्हें जागरूक किया जाएं। एडीएम अमित कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हुबलाल, जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी विमल कुमार ढाका मौजूद रहे।
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वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.
वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है
गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.
बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है, कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.
मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.
गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.
बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.