Hindi, asked by babu3993, 1 year ago

essay on varsha ruthu in hindi

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Answered by nehalshekhar8
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वर्षा ऋतु

वर्षा ऋतु का आगमन देशी महीनों के हिसाब से सावन – भादो में उस समय होता है जब ग्रीष्म ऋतु के कारण चारो और त्राहि-त्राहि मच जाती है तथा सब प्राणी भगवान से वर्षा की मांग करने लगते है | ग्रीष्म का ताप सारी धरती के स्वरूप को झुलसा दिया करता है | तब धरती, प्रकृति और प्राणी-जगत की प्यास तथा ताप को मिटाने के लिए एकाएक पुरवाई चलकर बादलो के आगमन की सुचना दे जाती है अर्थात वर्षा प्रारम्भ हो जाती है |

वर्षा ऋतु का समय आषाढ़ मास से आशिवन मास तक मन जाता है जिस कारण इसे ‘चौमासा’ भी कहते है | वर्षाऋतु  के आने पर आकाश में काले –काले मेघ छा जाते है , शीतल वायु बहने लगती है, बिजली चमकने लगती है, फिर बादल टप टप कर बरसने लगते है | चारो और पानी-ही-पानी हो जाता है | छोटे-छोटे नदी-नाले आपे से बाहर हो जाते है | दादुर की टर टर, झिगुरो की झंकार तथा जुगनुओ की चमक-दमक से रात्रि में आनन्द छा जाती है | धान , ज्वार , बाजरे और मक्का के लहलहाते खेत कृषको को नया जीवन प्रदान करते है | वर्षा प्रारम्भ होंने पर ही किसान अपने खेतो में हल चलाते है |

पावस ऋतु के सुहावने मौसम में स्त्रियों का प्रसिद्ध त्यौहार तीज का त्यौहार आता है | इस त्यौहार के आने पर बागो में बड़े-बड़े पदों पर झूले डाले जाते है | इन झूलो पर स्त्रियों झूल कर तथा मल्हार व् गीत गाकर सावन मास का स्वागत बच्चे छप छप करते हुए वर्षा के पानी में नहाते तथा गुमते हुए देखे जाते है |  इस ऋतु में जहा एक और अभी के मन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ती देखी जाती है वही दूसरी और हमे दुखो का भी सामना करना पड़ता है | चारो और मच्छरों की भरमार देखी जाती है जिससे मलेरिया फैल जाता है | अत्यधिक वर्षो होने पर चारो और बाढ़ आ जाती है जिससे जन-जीवन की बरबादी हो जाती | परन्तु यह ऋतु जल रूपी जीवन का दान करने के कारण और गर्मी की तपन की “ यदि बसन्त ऋतुओ का रजा है तो वर्षा ऋतुओ की रानी है” 

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Answered by misha10118
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कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा।वर्षा ऋतु भारत के बहुत सारे जगह पर पानी की किल्लत को दूर करता है। बहुत सारे लोग ऐसी जगह है जो पानी की कमी से जूझते रहते हैं। वर्षा होने से तालाबों में, नहरों में पानी भर जाता है और लोगों को खुलकर पानी का इस्तेमाल करने का मौका मिलता है। बारिश होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है, पेड़ पौधे तेजी से बढ़ते हैं और वातावरण खुशनुमा हो जाता है।ज्यादा बारिश सिर्फ खुशियां ही नहीं लाता है बल्कि कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बनता है। कई जगह बहुत ज्यादा बारिश होने की वजह गाँव के गाँव डूब जाते है और जन-धन की हानि भी होती है। बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण बहुत सारे खेत डूब जाते हैं और उसमें लगे फसल भी नष्ट हो जाते हैं। तेज आंधी तूफान में बहुत सारे घर गिर जाते हैं और बहुत से जानमाल को नुकसान पहुंचता है। तेज बारिश के कारण यातायात में भी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।बारिश की ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते हैं। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूंढना चाहिए।
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