essay on vayayam (exercise) in hindi upto 200 words
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व्यायाम से अभिप्राय है अपने तन –मन को स्वस्थ, सुन्दर और निरोग बनाए रखने के लिए किया गया परिश्रमपूर्ण कार्य या प्रयास |अस्वस्थ व रोगी व्यक्ति संसार के सुखो का भोग कदापि नही कर सकता है | स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम अत्यन्त आवश्यक है | जो व्यक्ति व्यायाम करते है , वे ही सदैव स्वस्थ व सुखी रहते है |खेलना-कूदना , दण्ड- बैठक करना , मुगदर उठाना या घुमाना, कुश्ती लड़ना, कबड्डी खेलना , तैराकी करना, योगाभ्यास करना, नृत्य करना, घुड़सवारी करना, दौड़ लगाना, आसन तथा प्राणायाम करना आदि व्यायाम के कई ढंग , साधन और उपाय है | अपनी रूचि , इच्छा , उपलब्धता और शक्ति के अनुसार व्यक्ति इनमे से किन्ही को चुनकर नियमित रूप से अपना कर उन्हें अपने जीवन का अंग बना सकता है |व्यायाम शरीर को स्वस्थ, ह्रष्ट-पुष्ट, सुन्दर- सुडौल तो बनाया ही करते है , मन – मस्तिष्क और आत्मा के उचित विकास में भी सहायक हुआ करते है | मस्तिष्क से काम करने वालो के लिए प्रात:काल ब्रह्म-मुहूर्त में घूमना, सूर्य नमस्कार करना आदि लाभकारी व्यायाम है | प्रात:काल खुले वातावरण में घूमना बिना मूल्य का अनमोल व्यायाम है | इससे हमे प्रात:काल जल्दी उठने की आदत पडती है तथा हमारी दिनचर्या नियमित रूप से चलती है | महात्मा गांधी जी ने भी अपनी आत्मकथा में प्रात : व सायकल में भ्रमण करना एक अच्छा व्यायाम बताया है |
व्यायाम करने से अनेक लाभ है जैसे व्यायाम करने से हाथ , पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते है | शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है | व्यायाम करने से पाचन-क्रिया भी ठीक रहती है , भूख समय पर लगती है | शरीर में रक्त का निर्माण भली प्रकार होता है तथा रक्त का संचार तीव्रगति से होता है | काया ह्रष्ट-पुष्ट तथा मन प्रसन्न रहता है सारा दिन काम करने में मन लगा रहता है |
यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो मन भी प्रसन्न रहेगा | स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है |
व्यायाम करने से अनेक लाभ है जैसे व्यायाम करने से हाथ , पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते है | शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है | व्यायाम करने से पाचन-क्रिया भी ठीक रहती है , भूख समय पर लगती है | शरीर में रक्त का निर्माण भली प्रकार होता है तथा रक्त का संचार तीव्रगति से होता है | काया ह्रष्ट-पुष्ट तथा मन प्रसन्न रहता है सारा दिन काम करने में मन लगा रहता है |
यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो मन भी प्रसन्न रहेगा | स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है |
ainaakhtae:
not in so tough hinsi language but still good
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vyayam hamare sarir ko chust thatha furt banata hai, aur hamari ekgra chamta badhata hai, hame bimariyoon se bachata hai, niymit vyayam karna hamare liye laabkhari hota hai. Vyayam hame sarir se aur man se swasthya rakhta hai. Iske aur bhi laabh hai, vyayam karne se height bhi badhti hai, mahrisi Patanjali ne yoga ki suruaat ki thi. Vyayam ke kuch niyam bhi hote hai jinhe janana bahut jarrori hota hai varna Hume ulta nuksaan ho sakta hai, Hume khali pet vyayam karna chahiye, shubh shubh galti si daud, stretching exercises ( khichaav wale vyayam) karne chahiye, height badhane ke liye tadasana karna chahiye, you guru swami ramdev ne iska khoob prachar kiya hai jisse log khush rah sake aur bimariyoon se door rahe, khud ko chust thatha furt banaye, unhone ise Jan Jan tak pahuchaaya hai, sarir ko andar se sudh rakhne ke liye bhi six exercises hoti hai unke naam is prakar hai neti, dhouti, nauli, tratak, kapalbhati,basti etc. shavasana hamare mind ko relax rakhta hai MATLAB tension free, sukhasana hame pooja karne ke liye bahtar exercise hai. (please mark it as a brainiest answer) hope it helps you.
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