Hindi, asked by maaz13, 1 year ago

essay on vertical garden in hindi

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Answered by Namit11
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हर देश और हर शहर में की ना कोई गार्डन होता है जिससे वो उस शहर को और भी सुंदर बनाता है। आज हम ऐसे गार्डन के बारे में बताने जा रहे हैं जो मेक्सिको में प्रदुषण को देखते हुए बनाया गया है। जी है, ये गार्डन बैंगलोर में जल्द ही बनने वाला है।

इसका नाम है Vertical Garden .बैंगलोर के पहले ये वर्टीकल गार्डन मेक्सिको में खुला था जिसकी तस्वीरें सोशल साइट्स पर वायरल हो रही थी। जिसे देखकर लोग काफी खुश भी हुए थे। इसी को देखते हुए अब इसे बैंगलोर में बनाने का आईडिया आया है जो इसे Pollution Free बनाएगा।

यहाँ पर Organic गार्डन भी बनाए गए है जिसमे 10 अलग-अलग तरह के 3500 पौधे लगाए गए हैं। इस गार्डन को बनाने के लिए गार्डन को बीते 10 सालों से तैयार किया जा रहा है। इस गार्डन में रोज 100 मिलीलीटर पानी दिया जाएगा।

इसी के साथ यहाँ पर ऑटोमेटिक सिंचाई सिस्टम मशीन लगी हुई है। इस Vertical Gardens में बेहद ही आकर्षक डिजाइन्स बनाए गए है और अब जल्द ही यहाँ के पिल्लर को पौधों से ढंक दिया जाएगा।



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Answered by khushitembhurne
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पेड़-पौधे ईश्वर की बहुत ही सुंदर रचना है और इनके बगीचे तो मन को मोह ही लेते हैं। बगीचे में काम करने से इन्सान को मानसिक संतोष के साथ-साथ शरीर भी स्वस्थ रहता है। थका हुआ इंसान बगीचे में बैठकर आराम भी करते हैं। बगीचे में आकर पेड़-पौधे देखकर और चिड़ियों की चहचहाट सुनकर मन में नई उमंग सी जागती है और परेशान, उदास व निराश मन भी आशा की किरण से चमकने लगता है। बगीचे हमें अवकाश के समय में प्रकृति की प्रशंसा करने का मौका देते हैं। लोग सुबह उठकर इनमें भ्रमण करके स्वास्थ्य लाभ लेते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ रखते हैं। बगीचे में प्रकृति का सौंदर्य देखकर हमारे मन में चेतना का एक नया संचार होता है।

 

आजकल विकास के नाम पर लोग कंकरीट के जंगल तो तैयार कर रहे हैं लेकिन छोटे-छोटे बगीचे नहीं। यदि बगीचे ही न होंगे तो लोग कहाँ प्रकृति की छाया एवं शीतलता का आनन्द ले पायेंगे। यह हमारे ऊपर है कि हम कि प्रकार प्रकृति का सम्मान करते हुए छोटे-छोटे बगीचों को तैयार करें जो हमारी आँखों के साथ-साथ हमारे मन को भी स्वस्थ रखेगा। बच्चे बगीचों में काम करके भावनात्मक रूप से भी विकसित होते हैं। यदि बच्चों को बगीचे ही न मिलेंगे तो वे भी कंकरीट के जंगलों जैसे कठोर होते जायेंगे।

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