Essay on vidharti jeevan me ghate manviya mulya in hindi
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विद्यार्थी जीवन में घटते मानवीय मूल्य
आज के समय में विद्यार्थी जीवन में मानवीय मूल्य घटते ही जा रहे है | आज के समय में बस आगे बढ़ने की और लगे है , सब रेस में लगे है कोई किसी से आगे ना चले जाए | यह सब के चलते किसी के पास मानवता रह ही नहीं गई | किसी के पास बात करने का समय नहीं है , किसी की मदद करने का समय नहीं है | घर पर अपने बड़ो , माता-पिता के साथ वक्त बिताने का समय नहीं है |
आज के बच्चे तकनीकी युग के बच्चे हैं। जिनको हर काम फोन से सीखना होता है, समझना होता है। यही परिणाम है कि आज के बच्चे संस्कृति और संस्कार से दूर होते जा रहे हैं। बड़ों को सम्मान और छोटों को प्यार देना चाहिए यही है हमारे संस्कार। इन मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए हमें कभी भी मगर आज ऐसा ही हो रहा है जो बहुत शर्म की बात है।
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विद्यार्थी जीवन में घटते मानवीय मूल्य
विद्यार्थी जीवन इतना व्यस्त भरा होता है , कि वह सब कुछ भुला कर सिर्फ आगे बढ़ने की ओर ध्यान में अग्रसर रहते हैं । जिससे उनके संबंधी से उनका संबंध कमजोर होते जाता है । वह अपने माता-पिता भाई-बहन एवं अपने रिश्तेदारों से इतना कम मिलते जुलते हैं । जिससे उनका संबंध थोड़ा कमजोर हो जाता है । वह विद्यार्थी जीवन में वह एक रेस में लगे होते हैं , कि मुझसे कोई आगे ना निकल जाए ।
अगर किसी का मुझसे से एक नंबर भी ज्यादा आ गया, तो हम उसे आगे निकल जाएगा, और मैं अब बुलाने से पीछे छोड़ जाऊंगा ।
यही कारण है विद्यार्थियों का मानवीय जीवन से दूरियां । जिसमे वह संस्कृति एवं बड़ों का सम्मान करना भूल जाते हैं ।
मानवता तो बहुत दूर की बात उनमें मानवता नाम की तो चीज ही नहीं होती । इस आधुनिक युग में वह इंटरनेट सेवाओं से बहुत ज्यादा जुड़े होते हैं। इनमें से सभी प्रश्नों का हल वह इंटरनेट में ही ढूंढ निकालते हैं ।
जिससे वह और उनकी मानसिक क्षमता भी घटते जा रही है ।मोबाइल और इंटरनेट में बच्चे इतना मसरूफ हो जाते हैं , कि वह खाना तक भूल जाते हैं ।
रिश्तेदार और दोस्त तो बहुत दूर की बात ।
इसी तरह वह अपनी संस्कृति और बड़ों का सम्मान और छोटों को प्यार करना भूल जाते हैं। जिससे वह आगे चलकर पतन की ओर चले जाते हैं, और मानवीय मूल्य को भूलते जा रहे हैं।