Hindi, asked by dzara293, 10 months ago

Essay on vigyan ek vardan​

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Answered by ritu8150
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Explanation:

आधुनिक विज्ञान के योगदानों की बदोलौत  आज हमारा जीवन आसान ,आरामदेह ,विलासितापूर्ण और बहुत कम परेशानियां वाला हो गया है .आज काम या कार्य का अर्थ है वातानुकूलित कमरों में बैठकर केवल कंप्यूटर पर कुछ बटन दबाकर सारी प्रक्रिया को नियंत्रित करना .विज्ञान ने न केवल हमारे जीवन को आसान बना दिया है ,बल्कि हमारे जीवन स्तर को भी काफी हद तक ऊँचा उठा दिया है .विज्ञान ने ज्ञान ,शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं के क्षेत्र में जबरदस्त सुधार किये हैं .खाद्यान्न के उत्पादन और कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान ने वरदान की तरह असीम लाभ पहुँचाया है .भारत में हरित क्रांति अथवा ऑपरेशन फ्लड दूध उत्पादन कृषि तथा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विज्ञान के योगदान की कहानी स्वयं बयान करते हैं . 

परिवहन एवं संचार - 

विज्ञान ने हमारे परिवहन एवं संचार के चेहरे को ही पूरी तरह से बदल कर रख दिया है .एक समय था जब यात्रा के नाम से लोग भयभीत हो जाते थे .आज लोग यात्रा में आनंद उठाते हैं .आज यात्रा करना अत्यंत तीव्र ,सुविधापूर्ण और सुखकर हो गया है .अब दूरी हमारे लिए कोई बड़ी सीमा नहीं रही .टेलीविजन और इंटरनेट ने हमारी दुनिया को एक छोटा सा स्थान बना दिया है .हजारों मील की दूरी पर घट रही घटनाओं को भी अपने घरों में बैठे - बैठे कुछ सेकंडों के अन्दर देखा जा सकता है . 

विज्ञान का उपयोग - 

इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि विज्ञान ने हमारे अस्तित्व के समग्र स्वरुप को ही बदलकर रख दिया है .इसने हमारी जीवन शैली ,कार्यप्रणाली ,शिक्षा और फुर्सत ,सबमें सुधार और परिवर्तन किये हैं .हमारी आज की सभ्यता सचमुच में आधुनिक विज्ञान की दें हैं .किसी ने इसीलिए सच ही कहा है कि विज्ञान ने नेत्रहीनों को आँखें ,बहरों को कान और अपंगों को अंग प्रदान किये हैं .इसके बावजूद इसी विज्ञान को विध्वंस और मानवजाति के विनाश के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं .यह हमारे हाथों में विद्यमान ऐसा उपकरण है जिसे हम अपने हित में अथवा अपने विनाश के लिए प्रयोग कर सकते हैं .यह निर्भर करता हैं कि मानव विज्ञान का उपयोग कैसे करता हैं . 

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Answered by krishnaMSDHONI
0

Answer:

plz mark it as a brainlist

Explanation:

इस सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, पालन कर्त्ता विष्णु और संहारक शिव हैं । लेकिन मानव के नए-नए आविष्कारों को देखकर ऐसा लगता है इन तीनों महाशक्तियों को मानव ने अपने हाथों की कठपुतली बना लिया है । परखनली में शिशु को जन्म देकर ब्रह्मा को चौंका दिया ।

नए-नए उद्योग, कारखाने और कम्पनियां लगाकर वह मानव का पालन कर रहा है परमाणु बम का निर्माण कर सृष्टि का संहार कर सकता है । जैसे अमरीका ने जापान पर परमाणु बम गिराकर नरसंहार की एक झलक दिखाई ।

विज्ञान पृथ्वी के लिए कामधेनु है जिसके द्वारा बहरा सुन सकता है, अन्धों को आखें दी जा सकती हैं, कृत्रिम पैर लगाकर मानव न केवल चल ही सकता है बल्कि अपना लक्ष्य भी प्राप्त कर सकता है । जैसे बिना पैरों के सुधा रमन्नन ने नृत्य जगत में धूम मचा दी ।

मानव अपनी आवश्यकताओं के लिए नए-नए आविष्कार करता रहा है और कर रहा है । मोटर साइकिल, हवाई जहाज, कार, रेलगाड़ी का निर्माण किया जिससे घंटों की यात्रा मिनटों में हो जाती है । बेतार के तार टेलीफोन को बनाना जिसके द्वारा हम देश और विदेश दोनों जगह वार्तालाप कर सकते हैं ।

जीवन को संगीतमय बनाने के लिएदूरदर्शन, रेडियो, टेप रिर्काडर बनाए । पैन, पेंसिल बनाकर लेखन कला को समृद्ध किया । पानी से बिजली बनाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया । गूंगे, बहरे और अन्धों के लिए उनके अनुरूप यन्त्रों का आविष्कार किया, जिससे वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सके ।

एक्स-रे का निर्माण कर मानव ने भीतरी अंगों के चित्र लिए । गर्मी को दूर करने के लिए कूलर, पंखे और सर्दी को दूर करने के लिए हीटर बनाए । देश और विदेश की जानकारी प्राप्त करने के लिए टेलीविजन बनाया जिसे न केवल सुना जा सकता है अपितु देख भी सकते हैं । खेती के लिए नए-नए तरीके और औजार बनाए, गैस चालित चूल्हों का निर्माण किया ।

कपड़े धोने की मशीन, जल निकासी के लिए जमीन के भीतर नालियां, कीट-पतंगों के नाश के लिए जहरीली दवाएं, स्वास्थ्यवर्धक इंजैक्शन, हृदय रोपण, शल्य-चिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी, कपड़े सीने की मशीन, गेहूं पीसने की मशीन, कम्प्यूटर, फैक्स, इलैक्ट्रोस्ट्रेट मशीन, कैमरा जैसी मानवोपयोगी वस्तुएं बनाईं । हर मौसम के फलों और सब्जियों को सुरक्षित रखकर प्रकृति को अपना दास बनाया ।

विज्ञान के जहाँ अनेक लाभ हैं वहाँ हानियाँ भी हैं । यातायात की दुर्घटनाओं को बढ़ना, एक देश का दूसरे देश के साथ हथियार लेकर लड़ना, ज्वलनशील पदार्थ फेंकना, बम के द्वारा नुकसान पहुँचाना । परमाणु बम का भय दिखाकर छोटे देशों को दबाना । सभी कार्य मशीनों द्वारा होने से मानव निकम्मा और आलसी हो गया हैं ।

दस व्यक्तियों का काम एक अकेली मशीन के द्वारा होने से बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई । घरेलू गैस का तनिक भी असावधानी से प्रयोग होने पर भयंकर विस्फोट को होना आम बात है । विज्ञान ‘अलादीन के चिराग’ की तरह मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है । सभी क्षेत्रों में अपनी विजय पताका लहरा रहा है । यह मानव के ऊपर है कि वह किस तरह इसका उपयोग करता है । विज्ञान केवल तब तक वरदान है जब तक हम उसका सही उपयोग करें अन्यथा अभिशाप ।

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