Essay on vigyan ke badhte kadam in hindi
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विज्ञान के बढ़ते कदम :-
विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति और विकास किया है |जहाँ आज से सौ वर्ष पहले मनुष्य बैल गाड़ियों और घोड़ो पर बैठकर यात्रा करता था और सौ मिल की यात्रा करने में उनको कई दिन चलना पड़ता था, वहां आज सैकड़ो मील की यात्रा भी वह अब चुटकियों में तय कर लेता है और वायु से क्या ध्वनि की गति से भी तीव्र चलने वाले यानों से यात्रा करता है |
विज्ञान से मानव को जितना लाभ हुआ है उतना उसे प्राचीन युग में ईश्वर या धर्मों से नही हुआ है | विज्ञान से समाज और व्यक्ति दोनों समान रूप से उपकृत हुए है | व्यक्ति का जीवन हर कदम पर सरल और उच्च स्तरीय बन गया है | सौ वर्ष पहले परिवार की गृहणियाँ खाना पकाने के लिए लकड़ी जलाती थी, धुंए से उनकी आँखे लाल होकर आसुंओ से नम हो जाती थी और कोमल हाथ क्षत विक्षत(जख्मी) हो उठते थे |
लेकिन आज विज्ञान की सहायता से उस समस्या का अंत हो गया है | आज गृहणियाँ गैस के चूल्हे या स्टोव पर खाना पकाती है | जिससे उसका कोमल सौदर्यपूर्ण सुरक्षित रहता है | ऐसा ही जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी हुआ है | आज अगर राजस्थान में अकाल पड़ता है तो पंजाब से वहां के लिए गेहूं पहुच जाता है | पहले यह संभव नही था | विश्वभर के समाचारों को समाचार पत्र पढ़ने वाले आधुनिक व्यक्ति के व्यक्तित्व का बौद्धिक विकास हो गया है |