Hindi, asked by wwwbengao8790, 1 year ago

Essay on violence against women's in hindi

Answers

Answered by daniel8
0
प्रस्तावना:
महिलायें न केवल भारत में ही अपितु विदेशों में भी विविध प्रकार की हिंसाओं का शिकार हो रही हैं । ये अत्याचार वर्तमान परिस्थितियों की परिणति नहीं है अपितु वह सदियों से खई शोषण, अपमान, यातनाओं का शिकार होती आ रही हैं । महिलाओं की समस्याओं के पीछे सामाजिक एवं पारिवारिक कारक दोनों ही सक्रिय हैं । न केवल वह समाज द्वारा ही शोषित एवं पीड़ित होती हैं अपितु पारिवारिक सदस्यों द्वारा भी ।
चिन्तनात्मक विकास:
स्वाधीनता से पूर्व एवं पश्चात् सैकड़ों महिलाएं ऐसी हैं जो कई तरह की हिंसाओं का सामना कर रही है अथवा करती आई हैं । यद्यपि महिलाओं में शिक्षा के प्रसार एवं आर्थिक स्वतन्त्रता में वृद्धि हुई है, ऊपर से देखने में वह समाज में एक सम्मानजनक भूमिका निभा रही हैं किन्तु वास्तविकता में वह कही न कहीं, किसी न किसी तरह से मानवीय शोषण की शिकार हैं । महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिए अनेक उपाय किये जाते हैं, आवश्यकता है इन्हें राष्ट्रव्यापी रूप में सक्रियता प्रदान करने की ।
उपसंहार:
यद्यपि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिए अनेक स्वयंसेवी संस्थायें स्थापित की गई हैं, उनके लिए अदालतें बनाई गई हैं किन्तु ये निश्चित रूप से कारगर नहीं हो पा रही हैं क्योंकि इन्हें भी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
हमारी सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए । स्पयै महिलाओं को भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों, शोषण, हिंसाओं को रोकने के लिए हिम्मत जुटानी चाहिए । तभी वह समाज एवं राष्ट्र में अपनी पहचान बना सकेंगी ।
महिलाओं के प्रति हिंसा की समस्या कोई नवीन समस्या नहीं है । प्रारम्भ से ही भारतीय समाज में महिलायें यातना, शोषण, अवमानना इत्यादि का शिकार होती आई हैं । आज शनै-शनै ! महिलाओं को पुरुषों के जीवन में महत्वपूर्ण, प्रभावशाली और अर्थपूर्ण सहयोगी माना जाने लगा है किन्तु कुछ समय पूर्व समाज में उनकी स्थिति अत्यन्त दयनीय थी ।
समाज में प्रचलित प्रतिमानों विचारधाराओं एवं संस्थागत रिवाजों ने उनके उत्पीड़न में अत्यधिक योगदान दिया है । उसका यह उत्पीड़न सामाजिक एवं पारिवारिक दोनों ही स्तरों पर ध्या है । इनमें से कुछ व्यावहारिक रिवाज आज भी पनप रहे हैं ।
Similar questions