essay on vyakti ki pahchan uski poshak se hoti hai in hindi
Answers
व्यक्ति की पहचान उसकी पोशाक से होती है । पोशाक या पहनावा , व्यक्ति के अंतर्मन का दर्पण होता है। भावनाओ और व्यक्तिगत रुचि के प्रदर्शन का माध्यम है , पोशाक। अगर हम स्वयं का उदाहरण भी लें, तो हम पाएंगे कि हम वही कपड़े पहनते है , जो हमें पसंद आते हैं। दरअसल ,व्यक्ति पोशाक के माध्यम से अपने मन कि बात एवं अपनी पहचान दुनिया के सामने रखता है। वकील , डॉक्टर ,नर्स , पुलिस , सैनिक ,विद्यार्थी आदि अपने पोशाक के माध्यम से ही पहचाने जाते हैं। व्यक्ति अपनी खूबियाँ , अपना स्वभाव , अपने कपड़ो के माध्यम से दर्शाता है। अधिकांशतः, सभ्य पुरुष अथवा महिला की पोशाक भी सभ्य ,स्वच्छ एवं फॉर्मल होती है । व्यवस्थित पहनावे से हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
व्यक्ति की पहचान उसकी पोशाक से होती है | Vyakti ki Pahchaan Uski Poshak se hoti hain | A man is identified because of his dress
किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसकी पोशाक की अहम भूमिका होती है| मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है की व्यक्तित्व को मापने के लिए पोशाक एक कारगर पेरामीटर है| भारत विविध प्रान्तों, जाति, धर्म का प्रतिनिधित्व करता है| उसकी पोशाक बता देती है कि वो किस प्रान्त से है| यद्यपि आजकल युवा लोग समकालीन फेशन का अनुसरण करते है| पर उनके वस्त्रों का चयन बता देता है कि वे कैसे विचारो वाले है| हमेशा तंग जीन्स और टॉप पहनने वाली लडकियाँ काफी आक्रामक और अपने काम के प्रति जागरूक मानी जा सकती है| वहीं ढीले-ढाले, सादे वस्त्रों वाले लोग स्वभाव से नम्र, मिलनसार और नरममिजाज के होते है| वस्त्र चाहे नये हो या पुराने अगर साफ़ धुले और सलवटो से रहित हो तो वे व्यक्ति की सुरुचि दर्शाते है| वहीं महंगे वस्त्र भी यदि मैले-कुचले और सलवट भरे हो तो व्यक्ति को फूहड़ साबित करते है| इसी प्रकार पोशाक के रंगो का चयन भी महत्व रखता है| गहरे, भडकीले रंग व्यक्ति के गुस्सेल होने के परिचायक है वहीं सादे हलके रंग उसकी भीतरी शांति अभिव्यक्त करते है| अक्सर इंटरव्यू में अभ्यर्थी के वस्त्रों का चयन भी जांचा जाता है इसलिए युवा इस समय सफेद या हल्के नीले शर्ट को प्राथमिकता देते है| अत: सिर्फ मनोवैज्ञानिक ही नही सभी व्यक्ति एक दूसरे की पहचान पोशाक से करने का प्रयास करते है अत: हमें चयन में सावधान रहना चाहिए|