Business Studies, asked by muzammil2098, 6 months ago

Essay on World Standard Day in hindi

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Answered by apurvasonawane727
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Answer:

विश्व मानक दिवस (14 अक्टूबर):

विश्व मानक दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल 14 अक्टूबर को आईईसी, आईटीयू और आईएसओ के सदस्य देशों में विश्व मानक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित स्वैच्छिक तकनीकी सहमतियाँ बनाने वाले अनेकानेक विशेषज्ञों के पारस्परिक तथा सहयोगपूर्ण प्रयासों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। विश्व मानक दिवस के अवसर पर एक पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें से विश्व मानक दिवस को सबसे अच्छे तरीके से चित्रित करने वाले पोस्टर का चुनाव किया जाता है। इस वर्ष, आयोजक डबल्यूएससी ने प्रतियोगियों से ‘अंतर्राष्ट्रीय मानक सकारात्मक परिवर्तन को सुनिश्चित करते हैं’ विषय पर चित्र बनाने के लिए कहा है।

‘आईईसी (अंतर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग), आईएसओ (अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) के स्वैच्छिक सहमति आधारित अंतर्राष्ट्रीय मानकों को मजबूत और विकसित बनाने के लिए वर्ष 2001 में वर्ल्ड स्टैंडर्ड कॉरपोरेशन की स्थापना की गई।

मानक की परिभाषा:

किसी मानक का तात्पर्य ऐसे दस्तावेज से है जो अपेक्षताओं, विशिष्टताओं, मार्गनिर्देशों अथवा विशेषताओं की जानकारी उपलब्ध कराता है जिसे निरंतर यह सुनिश्चित करने के उपयोग किया जा सकता है कि कोई सामग्री, उत्पाद, प्रक्रिया अथवा सेवा अपने उद्देश्य के लिए परिपूर्ण है।

विश्व मानक दिवस का इतिहास:

वर्ष 1970 में पहली बार विश्व मानक दिवस मनाया गया। विश्व मानक दिवस मनाने के लिए तिथि का चुनाव वर्ष 1946 में किया गया। लंदन में विभिन्न देशों के 25 प्रतिनिधियों ने मिलकर मानकीकरण में सहायता के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने पर सहमति जाहिर किया।

विश्व मानक दिवस का उद्देश्य:

इस दिन को मनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए मानकीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाना है।

भारतीय मानक ब्यूरो:

भारतीय मानक ब्यूरो भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था है। पहले इसका नाम ‘ भारतीय मानक संस्थान ‘ था। भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना सन् 1947 में हुई थी।

भारतीय मानक ब्यूरो की भूमिका:

भारतीय मानक ब्यूरो, किसी वस्तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में भारतीय मानकों का सृजन करता है तथा सृजित किए गए मानकों को, जैसा भी आवश्यक हों, उपभोक्ताओं, विनिर्माताओं, सरकार और नियामक निकायों, प्रौद्योगिकीविद्, वैज्ञानिकों और परीक्षण प्रयोगशालाओं को शामिल करके एतदद्वारा गठित समितियों के माध्यम से विचार-विमर्श की एक प्रक्रिया द्वारा सुधार, संशोधित तथा रद्द करता है।

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