Essay on yadi mein pustak hota
Answers
यदि मैं एक पुस्तक होता तो लोगों का मन बहलाता। उनको अच्छी बातें सिखाता। बच्चों को प्यारी प्यारी कहानियाँ सुनाता। उनका सच्चा मित्र बनता। वे कभी अपने को अकेला महसूस न करते। मैं उनका अकेलापन दूर करता। कहानियों के जरिये मैं उनको जीवन के मूल्यों की शिक्षा देता जो उनके लिए बहुत उपयोगी होती।
मैं दुनिया में सब के मन में प्रेम का भाव जगाता। उन्हें अपने देश से प्रेम करना सिखाता। उनके देश की महिमा बताता। परिवार में सबको आपस में प्रेम करना और मिलकर रहना सिखाता। बड़ों के प्रति सम्मान व्यक्त करना सिखाता। इस प्रकार सबका जीवन सुखी बनाता।
यदि मैं पुस्तक होता |
Explanation:
यदि मैं पुस्तक होता तो मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझती क्योंकि पुस्तक को ज्ञान का देवता कहा जाता है | मैं लोगों को ज्ञान की बातें सिखाता और बच्चों को कहानियां, कविताएं, और रोमांचक चुटकुले सुना कर उनका मनोरंजन करता | साथ ही मैं उन्हें अपना मित्र बना लेता | मैं लोगों को अपने जरिए उनके मुकाम तक पहुंचता और यह सुनिश्चित करता कि लोग मुझे पढ़कर कभी खुद को अकेला नहीं समझते l मैं सबको एक समान समझती और सबको बराबर का ज्ञान बांटती और लोग मुझे पढ़कर बहुत खुश होते | मैं कभी बेकार नहीं होती जो मुझे पढ़ना चाहेगा मैं खुशी से उनके साथ रहती और उनका साथ देती |
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