Essay on यदि मैं पतंग होता in hindi
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यदि मैं पतंग होता
यदि मैं पतंग होता , तो सबसे अच्छे होता , मैं अलग-अलग रंग के कपड़े पहनता | आकाश में अपनी आज़ादी के साथ उड़ पाता |
अगर मैं एक पतंग होता तो मैं अपना जीवन अपनी मर्ज़ी से जीता | किसी का गुलाम नहीं बनता और अपने पंखो के साथ उड़ता रहता उड़ता रहता | मैं मनुष्य जीवन की जिम्मेदारियों से छुट कर मज़े से अपना जीवन व्यतीत करता | मनुष्य की तरह मेरी न कोई इच्छाएँ होती , न घर की लड़ाई , मैं सब जगह से आज़ाद हो घूमता | कोई जीवन हो जिस में अपनी आज़ादी होती है उसी जीवन को जीने में बहुत आनन्द आता है |
अगर मैं एक पतंग होता तो मैं बस बेपरवाह आजाद सा होकर आसमान में उड़ता रहता, फिर तो किसी भी वस्तु, व्यक्ति, विचार, आडंबर, समाज की परवाह ना करता , ज़रा भी फिकर ना करता , ना ही बंधनों में बंधना पड़ता, बंधन जो बेवजह मनुष्य को पूरे जीवन रोक कर रखते हैं। संसार की मोह माया से दूर बस अपने में खुश रहता और घूमता आसमान की छूता|