CBSE BOARD XII, asked by AnshuKumarPandey, 11 months ago

Essay on yuva pidhi aur nasha in Hindi

Answers

Answered by kritika7280
1

Answer:

yuva pidhi aur nasha ek bad habit h

jisko bhi nasha karne ki aadat pd jati h toh muskil se hi jata h

Answered by Kangyohan
5

Answer:

HEY BUDDY HERE IS YOUR ANSWER....IN HINDI...

Explanation:

पश्चिमी सभ्यता ने हमारे देश किस तरह अपनी ओर आकर्षित किया, इससे सभी भलीभांति परिचित है. इसकी ओर देश के युवा सबसे अधिक आकर्षित होते है, और अपनी भारतीय संस्कृति छोड़ पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागते है. नशाखोरी भी इसी का उदाहरण है. भारत देश की बड़ी मुख्य समस्याओं में से एक युवाओं में फैलती नशाखोरी भी है. देश की जनसँख्या आज 125 करोड़ के पार होते जा रही है, इस जनसँख्या का एक बड़ा भाग युवा वर्ग का है. नशा एक ऐसी समस्या है, जिससे नशा करने वाले के साथ साथ, उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है. और अगर परिवार बर्बाद होगा तो समाज नहीं रहेगा, समाज नहीं रहेगा तो देश भी बिखरता चला जायेगा. इन्सान को इस दलदल में एक कदम रखने की देरी होती है, जहाँ आपने एक कदम रखा फिर आप मजे के चलते इसके आदि हो जायेगें, और दलदल में धसते चले जायेगें. नशे के आदि इन्सान, चाहे तब भी इसे नहीं छोड़ पाता, क्युकी उसे तलब पड़ जाती है, और फिर तलब ही उसे नशा की ओर और बढ़ाती है.“नशा नाश है”

नशाखोरी का समाज में फैलने का कारण :-

शिक्षा की कमी – देश में शिक्षा की कमी की समस्या आज भी व्याप्त है, सरकार इसकी ओर कड़े कदम उठा रही है. शिक्षा का महत्व हमारे जीवन में बहुत है, लेकिन कई लोग इसे नहीं समझते है, और शिक्षा की कमी के चलते कई दुष्प्रभाव सामने आते है. जो लोग कम पढ़े लिखे होते है, वे इसके दुष्प्रभाव को नहीं समझते है, और इसकी चपेट में आ जाते है. गाँव में कम पढ़े लिखे लोग कई तरह के नशा करते है, जिससे उनका परिवार तक नष्ट हो जाता है.

शिक्षा की कमी – देश में शिक्षा की कमी की समस्या आज भी व्याप्त है, सरकार इसकी ओर कड़े कदम उठा रही है. शिक्षा का महत्व हमारे जीवन में बहुत है, लेकिन कई लोग इसे नहीं समझते है, और शिक्षा की कमी के चलते कई दुष्प्रभाव सामने आते है. जो लोग कम पढ़े लिखे होते है, वे इसके दुष्प्रभाव को नहीं समझते है, और इसकी चपेट में आ जाते है. गाँव में कम पढ़े लिखे लोग कई तरह के नशा करते है, जिससे उनका परिवार तक नष्ट हो जाता है.

नशा एक ऐसी समस्या है, जो दूसरी समस्या को न्योता देती है. इससे गरीबी आती है, बेरोजगारी, आतंकवाद फैलता है. देश में अपराधियों की संख्या बढ़ने लगती है|

नशा एक ऐसी समस्या है, जो दूसरी समस्या को न्योता देती है. इससे गरीबी आती है, बेरोजगारी, आतंकवाद फैलता है. देश में अपराधियों की संख्या बढ़ने लगती है|घरेलु हिंसा को बुलावा – नशा करने वाला इन्सान अपना आपा खो देता है, उसे याद नहीं होता है वो कहाँ है, क्या कर रहा है. नशा वाला इन्सान घरेलु हिंसा को दावत देता है, वो आने घर में अपनी बीवी, बच्चों को मारने लगता है.

नशा एक ऐसी समस्या है, जो दूसरी समस्या को न्योता देती है. इससे गरीबी आती है, बेरोजगारी, आतंकवाद फैलता है. देश में अपराधियों की संख्या बढ़ने लगती है|घरेलु हिंसा को बुलावा – नशा करने वाला इन्सान अपना आपा खो देता है, उसे याद नहीं होता है वो कहाँ है, क्या कर रहा है. नशा वाला इन्सान घरेलु हिंसा को दावत देता है, वो आने घर में अपनी बीवी, बच्चों को मारने लगता है.अपराधी बना देता है – नशा एक अपराध से कम नहीं है, और नशा वाला इन्सान एक अपराधी. नशे की तलब को पूरा करने के लिए इन्सान चोरी करने लगता है, और छोटे छोटे अपराध कब बड़े अपराध में बदल जाते है पता ही नहीं चलता. अफीम, चरस, कोकीन का नशा लेने के बाद इन्सान के अंदर उत्तेजना आ जाती है, जिससे वो अपने काबू में नहीं रहता और इस नशे के बाद इन्सान चोरी, मृत्यु, हिंसा, लड़ाई-झगड़े, बलात्कार जैसे कामों को अंजाम देता है, जो उसे एक बड़ा अपराधी बना देता है. घरTumhe mera jawab aacha aur helpful lage toh brainlist mark karna na bhulna..

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