Hindi, asked by shreyapatahara69, 4 months ago

essay on Yuva pidi ki chunotiya

first answer will mark as brik​


nehal1717: Thank you!
shreyapatahara69: welcome
aditi21915: hlo
shreyapatahara69: hii

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Answered by nehal1717
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Answer:

संवाद सहयोगी, पौड़ी: एसएफआइ (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया) व डीवायएफआइ (भारत की जनवादी नौजवान सभा) ने डीएवी इंटर कॉलेज परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में युवाओं के सामने असीम चुनौतियां हैं। कहा कि युवाओं को धैर्य, लगन व मेहनत कर खुद नए रास्ते बनाने होंगे। गोष्ठी में शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के बलिदान व योगदान को याद किया गया।

गोष्ठी में 'युवा पीढ़ी की चुनौतियां' विषय पर वक्ताओं ने युवाओं को वर्तमान समय की चुनौतियों, बचाव व लक्ष्य प्राप्त करने की बारिकियों को साझा किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि मदन मिश्रा ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या युवाओं की है, लेकिन आज वहीं उपेक्षा का शिकार हैं। कहा कि युवाओं को धैर्य, लगन व मेहनत के बल पर खुद नया रास्ता बनाना होगा। विशिष्ठ अतिथि गिरीश चंद्र डोभाल ने कहा कि देश में पुरातन काल से ही बदलाव की बागडोर युवाओं ने ही संभाली है। आगे भी युवा ही इस विरासत को आगे बढ़ाएंगे। विमल नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में युवाओं को सबसे ज्याद बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। ललित मोहन कोठियाल ने कहा कि आज मीडिया का स्वरुप लगातार बदल रहा है। इसलिए युवाओं को मीडिया से भी बचने की चुनौती है। कहा कि युवाओं को रोजगार, स्वरोगार या समाज निर्माण के लिए आज नए नजरिए से काम करने की जरुरत है। इस अवसर पर रवि रावत, काजल नेगी, मधु जोशी आदि मौजूद थे।

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