Essay writing in dehati jeevan mein anushasan ka mahatva
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मनुष्य अपने विशेष गुणों के कारण ही अन्य प्राणियों में श्रेष्ठ और महान् समझा और माना जाता है, उसके विशेषगुण हैं-चरित्र वल, विवेकशीलता, अनुशासन आदि अगर मनुष्य में ये गुण न हो तो वह पशु के समान समझा जायेगा। पशु से श्रेष्ठ रखने वाली मनुष्य की जितनी विशेषताएं हैं और उसके जो-जो गुण हैं, वे सभी अत्यन्त महान् और अद्भुत हैं। उसके सभी गुणों में उसका अनुशासन नामक गुण, ऐसा एक गुण है, जो उसे सचमुच में पशु से श्रेष्ठ और देवता की कोटि में रखने वाला है।
मनुष्य अनुशासन का पाठ अपने जीवन की शुरूआत से ही पड़ने लगता है। उसकी अनुशासन की पाठशाला उसका अपना घर-परिवार होता है। यहीं से वह अनुशासन का ‘क’, ‘ख’ पाठ पढ़ना शुरू कर देता है। इसके बाद वह अपने स्थानीय विद्यालय में अनुशासन सहित विद्याध्ययन आरंभ करता है। इस अवस्था में आकर वह अपने माता-पिता, अभिभावक सहित अपने परिवार के ही नहीं, अपितु विद्यालय के सभी शिक्षकों अनुशासन की शिक्षा प्राप्त करता है। इस प्रकार परिवार अनुशासन् की पहली सीढ़ी है, तो विद्यालय और शिक्षण-संस्थाएं दूसरी सीटी। इस तरह अनुशासन का धरातल क्रमशः फैलता-बढ़ता जाता है।
Answer:
Essay writing hamare jivan ks liya bahut labh dayak HAI.
Explanation:
kiyu ke agar ham kahi bhi school ya college me jate HAI toh that is a plus and important point for us because their teacher asks that you to write thesis in PH.D then it is a very important to know about the writing skill and how to write and in which manner. So, it is important aur mahatwa purna HAI hamare jeevan me.