essay writing on successfulness in hindi
Answers
यह सही टिप्पणी की गई है कि सफलता की तरह कुछ भी सफल नहीं हुआ है। सफलता का मूल्य काफी स्पष्ट है। सभी महान पुरुष सफल रहे हैं। इतिहास में लोगों को उनकी शानदार उपलब्धियों और सफलता के कारण याद किया जाता है, उन्होंने कड़ी मेहनत और पसीने के पसीने से जीता है। निरंतर कठोर श्रम से सफलता जीती और कमाई जाती है। सफलता केवल उन लोगों पर मुस्कान करती है जो बहादुर, मेहनती, साहसी और आत्मनिर्भर हैं।
सफलता मनुष्य का प्राथमिक उत्तेजना रही है। सभी पुरुष और महिलाएं सफलता के लिए इच्छुक हैं, लेकिन कुछ लोगों के पास यह है क्योंकि वे केवल सफलता पाने के रहस्यों को जानते हैं। सफलता खुशी के लिए एक और नाम है। अब, कोई पूछ सकता है कि सफलता क्या है? अंततः सभी की संतुष्टि के लिए इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जा सकता है। हम इसे संतोषजनक ढंग से परिभाषित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि वास्तव में सफलता क्या है। व्यापक रूप से बोलने का अर्थ किसी व्यक्ति के शरीर, दिमाग और आत्मा के समग्र विकास का अर्थ है। ये तीन एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा हैं। उनके उचित और संतुलित विकास के बिना, पूर्ण और पूर्ण सफलता नहीं हो सकती है।
जब हम अपने जीवन में आस पास किसी को सफल होता देखते है या किसी ऐसे सफल व्यक्ति के बारे में सुनते है जो की सफलता के नये आयाम स्थापित किये है ऐसे व्यक्ति को देखकर हमारे मन में कही न कही चलो अब हमे भी कुछ ऐसा करना है की हम भी सफल (Success) बनेगे बस फिर मन में एक ऐसी उर्जा (Energy) का संचार होता है की हम सभी एक दो दिन खूब उसी के बारे में सोचना शुरू (Positive Thinking) करते है और मन ही मन ढेर सारे प्लानिंग भी करना शुरू कर देते है
फिर आगे चलकर यह अहसास होता है या हमे लोगो द्वारा अहसास दिलाया जाता है की ये तो हम कर ही नही सकते है या ऐसा करना हमारे बस की बात ही नही है फिर यही से हमारे दो दिन मिली उर्जा का अस्तित्व खत्म होने लगता है और हम मानने लगते है की हम ये सब कर ही नही सकते है और फिर उसी ढर्रे में हम ढल जाते है जैसा की रोज की सामान्य जिन्दगी जीते है और खुद को आगे बढने वाले सपने युही शुरू होने से पहले ही अंत हो जाता है
लेकिन क्या आपने सोचा है की ऐसा क्यू होता है ??? हर कोई अपने फील्ड में सफल बनता जा रहा है लेकिन आप खुद को पिछड़ा हुआ मानते है ऐसा क्यू …हर कोई सोच परेशान रहता है आखिर इसे हम सब अपनी किस्मत (Luck) को दोष मानकर हालत के साथ समझौता कर लेते है और फिर कोई ऐसी कोई कोशिश नही करते जिसमे हमे आगे बढ़ने में तनिक भी रिस्क दिखाई देता है
किसी भी सफलता का शुरुआत कोशिश करने से ही होता है इसी बात पर एक बार चन्द्रगुप्त ने चाणक्य से पूछा “अगर किस्मत पहले लिखी जा चूकी है तो कोशिश करने से क्या मिलेगा”
इस पर चाणक्य ने जवाब दिया “क्या पता किस्मत में लिखा हो कोशिश करने से ही मिलेगा” इसी लिए हम भी कहते है “सफल होना है तो कोशिश तो करिए”
तो आईये आज बात करते हा लोग सफल बनते है तो कैसे उनकी सफलता का राज क्या है उनके सफलता की कुंजी (Safalata Ki Kunji) Key of Success क्या है जो आम होते हुए भी व्यक्ति को सफलता के मार्ग पर चलते हुए खास बना देता है