essey on rastravad evam manvatavad in hindi
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Explanation:
राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमें राष्ट्र सर्वोपरि होता है अर्थात राष्ट्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है। यह एक ऐसी विचारधारा है जो किसी भी देश के नागरिकों के साझा पहचान को बढ़ावा देती है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति एवं संपन्नता के लिए नागरिकों में सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता से ऊपर उठकर राष्ट्र के प्रति गौरव की भावना को मजबूती प्रदान करना आवश्यक है और इसमें राष्ट्रवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना
राष्ट्रवाद यानि राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का विकास किसी भी देश के नागरिकों की एकजुटता के लिए आवश्यक है। यही वजह है कि बचपन से ही स्कूलों में राष्ट्रगान का नियमित अभ्यास कराया जाता है और आजकल तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाता है, और साथ ही पाठ्यक्रमों में देश के महान की ताकत देती है। राष्ट्रवाद की वजह से ही देश के नागरिक अपने देश के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते। वह राष्ट्रवाद ही है जो किसी भी देश के नागरिकों को उनके धर्म, भाषा, जाति इत्यादि lभारत समेत ऐसे कई ऐसे देश हैं जो सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता से सम्पन्न हैं और इन देशों में राष्ट्रवाद की भावना जनता के बीच आम सहमति बनाने में मदद करती है। देश के विकास के लिए प्रत्येक नागरिक को एकजुट होकर कार्य करना पड़ता है और उन्हें एक सूत्र में पिरोने का कार्य राष्ट्रवाद की भावना ही करती है।
निष्कर्ष
भारतीय नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना सर्वोपरि है और इसीलिए जब यहां के नागरिकों से देश के राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान, जो कि देश की एकता एवं अखंडता के राष्ट्रीय प्रतीक हैं, के प्रति सम्मान की अपेक्षा की जाती है तो वे पूरी एकता के साथ खुलकर इन सभी के लिए अपना सम्मान प्रकट करते हैं।