Esssay on save girl and educate her in hindi
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पुराने जमाने में लोग बेटियों को बोझ समझते थे और उनको पढ़ाते लिख आते नहीं थे क्योंकि उनका मानना था कि बेटी बड़ी होकर शादी कर कर अपने परिवार पति और बच्चों को संभालने का काम करेगी इसीलिए उनको पढ़ा ना लिखा ना समय और पैसे की बर्बादी होगी |यह तो हुई पुराने जमाने की बात पर आजकल के जमाने में एक लड़की का पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है ताकि उसे कभी किसी का जुल्म और किसी के तारों का सामना ना करना पड़े क्योंकि पुराने जमाने में लड़कियां पढ़ी लिखी नहीं होती थी उन्हें अपने पति और अपने ससुराल वालों से कई सारे ताने सुनने पड़ते थे पर अगर एक लड़की पढ़ी-लिखी होगी तो वह अपना खुद का स्टैंड ले पाएगी और अपने जिंदगी में सफल होकर अपने मां बाप का और देश का नाम रोशन करेगी |भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का भी आंदोलन शुरू किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बेटियों को पढ़ाना जरूरी है बेटियों को बोझ मत समझो बेटी भी बड़ी होकर अपने मां-बाप का नाम रोशन कर सकती है|उन्होंने साथ ही साथ कई सारी योजनाएं भी शुरू की जिसमें लड़कियों के मां-बाप को इससे यह जागृति मिलती है कि बेटी बोझ नहीं है और उनको पढ़ा दे लिख आने से उन्हें भी फायदा होगा|जब बेटी पढ़ी लिखी होगी तो वह भी अपने देश और अपने आसपास के मोहल्लों में यह जागरूकता से लाएगी की बेटियां बोझ नहीं है तो बेटियों को मारने वाले लोग भी इससे वाकिफ हो जाएंगे कि हमें भी बेटी को बचाना चाहिए और यह हमारे देश की उन्नति के रूप में साबित होगा|इसलिए कहा गया है कि हमें बेटी को बचाना चाहिए और साथ ही साथ उसे पढ़ा लिखा कर अच्छा मनुष्य बनाना चाहिए और अपने पैरों पर खड़ा करना चाहिए ताकि वह किसी पर भी निर्भर ना रह सके|