History, asked by anveshaTomar, 8 months ago

एतेषु छात्रेषु बोपदेवः एकः मन्दमतिः छात्रः
आसीत्। तस्योपरि विद्याभ्यासस्य प्रभावः न
भवति स्म। सः यद् पठति स्म तत् सर्वं
विस्मरति आश्रमस्य सर्वे छात्राः
बोपदेवस्य उपहासं कुर्वन्ति स्म। बोपदेवः
प्रयत्नेन अपठत्, परन्तु सफलः न भवति स्म।
स्म।


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Answers

Answered by pratyushjaiswal2600
2

Answer:

एक बार की बात है, बोपदेव नाम का एक छात्र था । बोपदेव एक मंदबुद्धि छात्र था अथार्त वह दिमागी असंतुलित था । उसके ऊपर कोई भी विद्या अभ्यास का असर नहीं होता था । वह पढ़ता तो था और याद भी कर लेता था परंतु कुछ समय पशचात वह सब कुछ भूल जाता था । आश्रम के सभी छात्र उसका उपहास करते थे और उसका मज़ाक बनाते थे । बोपदेव प्रयत्न तो बहुत करता था परंतु कभी भी सफल न हुआ ।

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