'एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा' पाठ को पढ़कर आपको जो प्रेरणा प्राप्त हुई उसे अपने शब्दों में लिखें।
Answers
Answered by
1
Answer:
आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया। जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोडे़ और मैं अपने रज्जु-नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मुझे लक्ष्य तक पहुँचाया। मैंने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी।
Answered by
0
Answer:
mujhe yeh pta chla ki jeevan mein kitne bhi aashankaye aaye hume aage badhna chahiye kisi se darna nhi chahiye.
Similar questions