Everest Meri Shikhar Yatra path ke Aadhar par lekhika ka Charitra Ke kinhi Char visheshta par Prakash daliye
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1.जो पर्वतारोही हिमालय पर्वत के शिखर पर चढ़ते हैं, उन्हें खराब मौसम और बर्फ के तूफ़ान का मुकाबला करना ही पड़ता है।
2.अंगदोरजी कुशल पर्वतारोही था। वह बिना ऑक्सीजन के बर्फ़ पर चलने का अभ्यस्त था। इसलिए वह यात्रा में ऑक्सीजन नहीं लगाता था। पंरतु बिना ऑक्सीजन के उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे।
3.एवरेस्ट अभियान दल दिल्ली से काठमांडू के लिए 7 मार्च को हवाई जहाज से रवाना हुआ।
एवरेस्ट अभियान दल दिल्ली से काठमांडू के लिए 7 मार्च को हवाई जहाज से रवाना हुआ।बछेंद्री पाल ने एवरेस्ट की तरफ एक भारी बर्फ का का बड़ा फूल (प्लूम) देखा।
4.जय बछेन्द्री पाल का पर्वतारोही साथी था। उसे भी बछेन्द्री के साथ पर्वत-शिखर पर जाना था। शिखर कैम्प पर पहुँचने में उसे देर हो गई थी। वह सामान ढोने के कारण पीछे रह गया था। अतः बछेन्द्री उसके लिए चाय-जूस आदि लेकर उसे लेने के लिए पहुँची। जय ने यह कल्पना नहीं की थी कि बछेन्द्री उसकी चिन्ता करेगी। इसलिए जब उसने बछेन्द्री पाल को उसके लिए चाय-जूस के साथ देखा तो वह हक्का-बक्का रह गया।
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