CBSE BOARD X, asked by shreya5919, 1 year ago

example of bhayanak ras
more than 2
please bata dijiye​


Mkambozz1322: u r
Mkambozz1322: excuse me
shreya5919: sry
shreya5919: i send it by mistake
Mkambozz1322: why u talk here
Mkambozz1322: oh
Mkambozz1322: okk
shreya5919: it was not meant so
Mkambozz1322: ok no problem
shreya5919: sry

Answers

Answered by Mkambozz1322
1

इसका स्थायी भाव भय होता है जब किसी भयानक या अनिष्टकारी व्यक्ति या वस्तु को देखने या उससे सम्बंधित वर्णन करने या किसी अनिष्टकारी घटना का स्मरण करने से मन में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है उसे भय कहते हैं उस भय के उत्पन्न होने से जिस रस कि उत्पत्ति होती है उसे भयानक रस कहते हैं इसके अंतर्गत कम्पन, पसीना छूटना, मुँह सूखना, चिन्ता आदि के भाव उत्पन्न होते हैं

उदाहरण :

Bhayanak Ras ke Udaharan

अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल

कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार

एक ओर अजगर हिं लखि, एक ओर मृगराय

विकल बटोही बीच ही, पद्यो मूर्च्छा खाय

रस के भेद

रस नौ प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं :


shreya5919: thank u
Mkambozz1322: wlcm
Similar questions