Hindi, asked by ABHINOU, 1 year ago

Examples of Rupak & yamak alankar

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Answered by pmadhukar
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उपमेय-> जिसकी तुलना की जा रही है |

उपमान-> जिस वस्तु/चीज से उपमेय की तुलना की जा रही है |

जैसे-> चाँद सा मुखड़ा | इसमें उपमेय है मुखड़ा एवं उपमान है चाँद | यह उपमा अलंकार का एक उदाहरण है |

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रूपक अलंकार समझने के लिए पहले हमें उपमा अलंकार समझना होगा |

उपमा अलंकार : उपमेय एवं उपमान में अंतर रहते हुए भी उनके गुण या आकृति में समानता दिखलाना |

जैसे-> कर्ण युद्ध में शेर सा लड़ा | 

यहाँ पर कर्ण उपमेय है एवं शेर उपमान | कर्ण एवं शेर में अंतर है फिर भी उनमे वीरता के गुण की समानता दिखलाई गयी है |
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रूपक अलंकार: उपमेय एवं  उपमान के बीच में ऐसी समानता दिखलाई जाती है जिससे उनमे कोई अंतर न रह जाए | 

जैसे-> युद्ध में कर्ण शेर बन गया |

यहाँ पर उपमेय (कर्ण) में उपमान (शेर) का आरोप किया गया है | इसका मतलब शेर एवं कर्ण में कोई अंतर नहीं रह गया है | 

रूपक के कुछ और उदाहरण: 
१. मैया मै तो चंद्र खिलौना लूंगा |

उपमेय-> चन्द्रमा  उपमान: खिलौना यहाँ चन्द्रमा एवं खिलौने में कोई भेद नहीं रह गया है |

२. चरन कमल बन्दउँ हरिराई | 

भावार्थ-> हरि के चरण रूपी कमल की मैं वंदना करता हूँ |

अवधी भाषा में लिखे होने के कारन यहाँ "चरण" को "चरन" लिखा गया है | यहाँ उपमेय चरण है एवं उपमान कमल | कवि की व्याख्या चरण एवं कमल में कोई अंतर नहीं रह गया है |

३. अम्बर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी |

भावार्थ-> आसमान रूपी पनघट में उषा रूपी नारी, तारे रूपी घड़े डुबो रही है |

अम्बर एवं पनघट, तारे एवं घड़े, उषा एवं नारी में कोई भेद नहीं रह गया है |

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यमक अलंकार-> इसमें अलग अलग जगहों में प्रयुक्त एक ही शब्द के अलग अलग भावार्थ होते हैं |

जैसे-> 

१. काली घटा का घमंड घटा |

भावार्थ-> काले बादल हट/छँट गए |

यहाँ घटा दो जगह प्रयुक्त हुआ है परन्तु दोनों जगह उसके अर्थ भिन्न हैं |  पहली "घटा" का अर्थ है "बादल" एवं दूसरी घटा का भावार्थ है "कम होना" | 

२. कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, वा खाये बौराये नर, वा पाए बौराये |

यहाँ पहले कनक का मतलब है "धतूरा" जो की एक मादक पदार्थ है | दूसरे कनक का मतलब है "सोना" (gold) |

भावार्थ-> सोने की मादकता धतूरे से भी सौ गुनी ज्यादा है. धतूरे को खाने पर लोग बौराते हैं (मतलब नशे में आ जाते हैं ) परन्तु सोने को पाने मात्र से लोग बौरा जाते हैं |
Answered by KnowMore
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उपमेय-> जिसकी तुलना की जा रही है |

उपमान-> जिस वस्तु/चीज से उपमेय की तुलना की जा रही है |

जैसे-> चाँद सा मुखड़ा | इसमें उपमेय है मुखड़ा एवं उपमान है चाँद | यह उपमा अलंकार का एक उदाहरण है |

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रूपक अलंकार समझने के लिए पहले हमें उपमा अलंकार समझना होगा |

उपमा अलंकार : उपमेय एवं उपमान में अंतर रहते हुए भी उनके गुण या आकृति में समानता दिखलाना |

जैसे-> कर्ण युद्ध में शेर सा लड़ा | 

यहाँ पर कर्ण उपमेय है एवं शेर उपमान | कर्ण एवं शेर में अंतर है फिर भी उनमे वीरता के गुण की समानता दिखलाई गयी है |
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रूपक अलंकार: उपमेय एवं  उपमान के बीच में ऐसी समानता दिखलाई जाती है जिससे उनमे कोई अंतर न रह जाए | 

जैसे-> युद्ध में कर्ण शेर बन गया |

यहाँ पर उपमेय (कर्ण) में उपमान (शेर) का आरोप किया गया है | इसका मतलब शेर एवं कर्ण में कोई अंतर नहीं रह गया है | 

रूपक के कुछ और उदाहरण: 
१. मैया मै तो चंद्र खिलौना लूंगा |

उपमेय-> चन्द्रमा  उपमान: खिलौना यहाँ चन्द्रमा एवं खिलौने में कोई भेद नहीं रह गया है |

२. चरन कमल बन्दउँ हरिराई | 

भावार्थ-> हरि के चरण रूपी कमल की मैं वंदना करता हूँ |

अवधी भाषा में लिखे होने के कारन यहाँ "चरण" को "चरन" लिखा गया है | यहाँ उपमेय चरण है एवं उपमान कमल | कवि की व्याख्या चरण एवं कमल में कोई अंतर नहीं रह गया है |

३. अम्बर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी |

भावार्थ-> आसमान रूपी पनघट में उषा रूपी नारी, तारे रूपी घड़े डुबो रही है |

अम्बर एवं पनघट, तारे एवं घड़े, उषा एवं नारी में कोई भेद नहीं रह गया है |

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यमक अलंकार-> इसमें अलग अलग जगहों में प्रयुक्त एक ही शब्द के अलग अलग भावार्थ होते हैं |

जैसे-> 

१. काली घटा का घमंड घटा |

भावार्थ-> काले बादल हट/छँट गए |

यहाँ घटा दो जगह प्रयुक्त हुआ है परन्तु दोनों जगह उसके अर्थ भिन्न हैं |  पहली "घटा" का अर्थ है "बादल" एवं दूसरी घटा का भावार्थ है "कम होना" | 

२. कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, वा खाये बौराये नर, वा पाए बौराये |

यहाँ पहले कनक का मतलब है "धतूरा" जो की एक मादक पदार्थ है | दूसरे कनक का मतलब है "सोना" (gold) |

भावार्थ-> सोने की मादकता धतूरे से भी सौ गुनी ज्यादा है. धतूरे को खाने पर लोग बौराते हैं (मतलब नशे में आ जाते हैं ) परन्तु सोने को पाने मात्र से लोग बौरा जाते हैं |

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