Hindi, asked by jha60617, 3 months ago

examples of sanskrit prataya​

Answers

Answered by kinjalgandhi73
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Answer:

1. कृत् प्रत्यया:

(1) जिन प्रत्ययों का प्रयोग धातु (क्रिया) के बाद किया जाता है, वे कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। यथा–

कृ + तव्यत् = कर्त्तव्यम्

पठ् + अनीयर् = पठनीयम्

2. तद्धितप्रत्यया:

जिन प्रत्ययों का प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्दों के बाद किया जाता है, वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

शिव + अण् = शैवः

उपगु + अण् = औपगवः

दशरथ + इञ् = दाशरथिः

धन + मतुप् = धनवान्

3. स्त्रीप्रत्ययाः

जिन प्रत्ययों का प्रयोग पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, वे स्त्री प्रत्यय कहलाते हैं।

यथा कुमार + ङीप् = कुमारी

अज + टाप् = अजा

Answered by a071715
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1. कृत् प्रत्यया:

(1) जिन प्रत्ययों का प्रयोग धातु (क्रिया) के बाद किया जाता है, वे कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। यथा–

कृ + तव्यत् = कर्त्तव्यम्

पठ् + अनीयर् = पठनीयम्

2. तद्धितप्रत्यया:

जिन प्रत्ययों का प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्दों के बाद किया जाता है, वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

शिव + अण् = शैवः

उपगु + अण् = औपगवः

दशरथ + इञ् = दाशरथिः

धन + मतुप् = धनवान्

3. स्त्रीप्रत्ययाः

जिन प्रत्ययों का प्रयोग पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, वे स्त्री प्रत्यय कहलाते हैं।

यथा कुमार + ङीप् = कुमारी

अज + टाप् = अजा

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