Hindi, asked by vineshanair274, 1 year ago

Exams ho a chahiye ya nahi es vishay me essay chahiye in Hindi

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Answered by nirbhikzisha2026
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Answer:

इन्सानी एक प्रकृति रही है कि वह अपने कार्य को चेक करता है । खेल में बिना चेक किये ही सिलेक्ट हो जाता तो ? बिना चेक किये ही दवाईया दी जाती तो ? इस बात को इन्सान बहुत बखुबी जानता है । इन्सान ही नहीं प्राणीयो में भी यही प्रकृत्ति देखने को मिलती है वह अपना खाना चेक करके ही खाते है । इन्सानने शिक्षा रूपी एक शिक्षा व्यवस्था खडी कि है और ये सदियो से चली आ रही है एक व्यवस्था बिना चेक किये कैसे चल सकती है यह बडी समस्या कहलायेगी यदि हम उसे चेक ही नही करते । शिक्षा के कई अंग है उसमें छात्र महत्त्वपूर्ण अंग है और उस अंग का परीक्षण ही नहीं किया जाये और एसे ही चलाया जाये तो मालूम कैसे चलेगा कि सुधार कितना हुआ, भूल कहाँ पर हुई यदि हमें मालूम ही नहीं होगा तो हम आयोजन कैसे कर पायेंगे एसे देखे तो बिना चेक किये शायद काफी समस्याए हमारे सामने आ सकती है शायद शिक्षा खडी भी न हो सके । बाह्य चिजो को हम निरीक्षण कर के भी चेक कर सकते है लेकिन अमूर्त चिजो का मूल्यांकन कैसे कर सकेंगे जो कि वह हमें दिखाी नही देती इसके लिए परीक्षा ही हमारे लिए विकल्प रहता है । हमारे पास इससे बेहतरीन विकल्प नही है । सार्वत्रिक मूल्यांकन किया जाता है उसमें भी इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है । तो सवाल यह रहता है कि परीक्षा से हम उब क्यो गये है । फिर भी हम परीक्षा को निकाल क्यो नहीं पाये है ? परीक्षा समस्या नहीं है लेकिन परीक्षा के बाद मिली माहिती का विश्लेषण जिस तरीके से करना चाहिए उस तरीके से नहीं हो पा रहा है । परीक्षा शिक्षा व्यवस्था के संदर्भ में होनी चाहिए थी लेकिन आज परीक्षा छात्र कि प्रेरणा है या तो छात्र को नापने कि प्रक्रिया है । हमें यह सोचना चाहिए कि किसी व्यक्ति का मापन एक परीक्षा कदापि नहीं कर सकती । हा हमारी प्रक्रिया की कमी या सही बात जाना जा सकता है लेकिन व्यक्ति को हीं पहचाना जाता । व्यक्ति का तो क्या है वह आज विफल है तो कल सफल भी हो सकता है । तो हमें छात्रो के लिए नहीं लेकिन शिक्षा प्रक्रिया में सुधार हेतु परीक्षा को आयोजित करने की प्रति जागृत होना चाहिए ।

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