English, asked by sv9980438, 7 months ago

EXERCISE 102
माया देश महान् है । शताब्दियों तक हमारा गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। केवल पूर्व के देश ही नहीं बल्कि पश्चिम
टटा भी हमारी प्राचीन संस्कृति की छापानिय हुये हैं । हमारे दर्शन और साहित्य ने पश्चिमी जीवन धारा का
- प्रामावित किया है । आज हम उन्नति की दौड़ में अग्रसर होने का प्रयास कर रहे हैं । हम सबका कर्तव्य है कि
को संवा में सब कुछ न्योछावर कर दें। हमें जाति, धर्म और प्रान्तीयता के भेदों को भूल जाना चाहिये । हमें याद
चाहिये कि यदि हमारे देश की उन्नति होगी तो हमारा भविष्य शानदार होगा।
century,डाप-impress: गौरता
(U.P. 2014 Second Set)​

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Answered by nandinisingh0
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Answer:

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Explanation:

भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म मुस्लिम धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है।एक महान आदमी जिसका नाम गौतम प्रसाद है वो विश्व का महान आदमी है

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