English, asked by arvindthakur73, 3 months ago

EXERCISE 7.
कल मैंने अपने छोटे बेटे से कहा, “बेटे अपनी पुस्तक ले आओ।' उसने कहा, “मैं स्कूल में भी तो पटन
हूँ। मैं छुट्टी के दिन नहीं पढ़ना चाहता, कृपया आज मुझे खेलने दें। कल मेरी अध्यापिका जी स्वयं पढायेगी
आप चिन्ता क्यों करते हैं?” यह सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने उसे खेलने दिया.​

Answers

Answered by ad9927062
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Answer:

कल मैंने अपने छोटे बेटे से कहा, “बेटे अपनी पुस्तक ले आओ।' उसने कहा, “मैं स्कूल में भी तो पटन

हूँ। मैं छुट्टी के दिन नहीं पढ़ना चाहता, कृपया आज मुझे खेलने दें। कल मेरी अध्यापिका जी स्वयं पढायेगी

आप चिन्ता क्यों करते हैं?” यह सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने उसे खेलने दिया.

Answered by PragyanMN07
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Complete Question:

कल मैंने अपने छोटे बेटे से कहा, “बेटे अपनी पुस्तक ले आओ।' उसने कहा, “मैं स्कूल में भी तो पटन

हूँ। मैं छुट्टी के दिन नहीं पढ़ना चाहता, कृपया आज मुझे खेलने दें। कल मेरी अध्यापिका जी स्वयं पढायेगी

आप चिन्ता क्यों करते हैं?” यह सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने उसे खेलने दिया.​

(अप्रत्यक्ष कथन में बदलिए ।)  

Answer:

कल मैंने अपने छोटे बेटे से अपनी पुस्तक लाने को कहा। उसने कहा  की वो स्कूल में भी पढ़ता है। तो छुट्टी के दिन नहीं पढ़ना चाहता ।

उसने उसको खेलने देने को बीनती की। उसने पुछा उसकी अध्यापिका जी स्वयं पढायेगी तो में चिन्ता क्यों करता हूँ यह सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने उसे खेलने दिया

Explanation:

प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कथन:

  • जब हम किसी की कही बातों को तथा कहने वाले शब्दों को वैसा ही दुहरा देते हैं, तो वह "प्रत्यक्ष कथन" (Direct speech) कहलाता है
  • पर जब किसी के कहे हुये शब्दों को तथा किसी की कही बातों को थोड़ा बदल कर अपनी भाषा में प्रस्तुत करें यानी के वैसे ही न कहा जाये और उनका अर्थ ज्यों का त्यों कहा जाये तो वह "अप्रत्यक्ष कथन" (Indirect Speech) कहलाता है।
  • अप्रत्यक्ष कथन में अर्थ समानता होती है मगर कहे हुए शब्दों में अंतर पाया जाता हैं।

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#SPJ3

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