Physics, asked by suryasiddhu5646, 9 months ago

Explain Frictional Force In Hindi

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Answered by seemasatyam682
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Explanation:

यदि किसी स्थिर ठोस वस्तु पर कोई दूसरी ठोस वस्तु इस तरह से रखी जाती है कि दोनों समतल पृष्ठ एक-दूसरे को स्पर्श करते है, तो इस दशा में दूसरी वस्तु को पहली वस्तु पर खिसकने के लिए बल लगाना पड़ता है l इस बल का मान एक सीमा से कम होने पर दूसरी वस्तु पहली वस्तु पर नहीं खिसक सकती है l इस कथन से यह स्पष्ट है की दोनों वस्तुए के सम्पर्क ताल एक बल गती के विपरीत दिशा में उत्पन हो जाता है जो दूसरी वस्तु की गति में विरोध करता है l इस विरोधी बल को घर्षण (Friction) कहते है l

घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है।

घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक और गतिज। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण गति की दिशा पर निर्भर नही करता।

घर्षण का कारण संपादित करें

सामान्यत: कोई सतह पूर्णतया चिकनी नहीं होती, अपितु उसमें अत्यल्प परिमाण के उठाव और गड्ढे होते हैं। इनको अच्छे सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है। अत: जब ऐसी दो सतहें एक दूसरे को स्पर्श करती हैं, तो एक सतह के उठाव दूसरी सतह के गड्ढों में फँस जाते हैं। इस अवस्था में एक सतह को दूसरी सतह पर खिसकाने के लिये बल लगाने पर सतह की बनावट में विकृत उत्पन्न हो जाती है। इसी के अनुरूप पदार्थो की प्रत्यास्थता के कारण प्रयुक्त बल की विरुद्ध दिशा में प्रतिबल कार्य करता है, जिसे घर्षणबल कहते हैं।

घर्षण के उपयोग संपादित करें

हमारे दैनिक जीवन में घर्षण का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। पृथ्वी की सतह पर चलनेवाले प्रत्येक वाहन की गति सतह तथा वाहन के आधार के बीच घर्षणबल द्वारा ही संभव है। अत: घर्षण गति बाधक तथा साधक दोनों ही है। धारुक और स्नेहकों के व्यवहार में भी घर्षण का प्रमुख स्थान है।

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