Explain me Kritika class xth.chapter:3 Sana Sana hath Jodi.
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okay I'll explain you later
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यह पाठ मधु कांकरिया द्वारा लिखा एक यात्रा वृत्तांत है जिसमें लेखिका ने सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक और उसके आगे हिमालय की यात्रा का वर्णन किया है जो शहरों की भागमभाग भरी ज़िं दगी से दूर है| लेखिका गैंगटॉक को मेहनती बादशाहों का शहर बताती हैं क्योंकि वहाँ के सभी लोग बड़े ही मेहनती हैं। वहाँ तारों से भरे आसमान में लेखिका को सम्मोहन महसूस होता है जिसमें वह खो जाती हैं। वह नेपाली युवती द्वारा बताई गई प्रार्थना ‘मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो’ को गाती हैं|
अगले दिन मौसम साफ न होने के कारण लेखिका कंचनजंघा की चोटी तो नहीं देख सकी, परंतु ढेरों खिले फूल देखकर खुश हो जाती हैं। वह उसी दिन गैंगटाॅक से 149 किलोमीटर दूर यूमथांग देखने अपनी सहयात्री मणि और गाइड जितेन नार्गे के साथ रवाना होती हैं। गंगटोक से यूमथांग को निकलते ही लेखिका को एक कतार में लगी सफेद-सफेद बौद्ध पताकाएँ दिखाई देती हैं जो ध्वज की तरह फहरा रही थीं। ये शान्ति और अहिंसा की प्रतीक थीं और उन पताकाओं पर मंत्र लिखे हुए थे। लेखिका के गाइड ने उन्हें बताया कि जब किसी बौद्ध मतावलम्बी की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए शहर से दूर किसी भी पवित्र स्थान पर एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ फहरा दी जाती हैं। इन्हें उतारा नहीं जाता है, ये खुद नष्ट हो जाती हैं। कई बार नए शुभ कार्य की शुरुआत में भी रंगीन पताकाएँ फहरा दी जाती हैं। जितेन ने बताया कि कवी-लोंग स्टॉक नामक स्थान पर 'गाइड' फ़िल्म की शूटिंग हुई थी। आगे चलकर मधु जी को एक कुटिया के भीतर घूमता हुआ चक्र दिखाई दिया जिसे धर्म चक्र या प्रेयर व्हील कहा जाता है। नार्गे ने बताया कि इसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। जैसे-जैसे वे लोग ऊँचाई की ओर बढ़ने लगे, वैसे-वैसे बाजार, लोग और बस्तियाँ आँखों से ओझल होने लगी। घाटियों में देखने पर सबकुछ धुंधला दिखाई दे रहा था। उन्हें हिमालय पल-पल परिवर्तित होते महसूस होता है| वह विशाल लगने लगता है|