Explain पत्र लेखन
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Class 8
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★ पत्र लेखन - ये एक सरल सा संदेश है। जिसके माध्यम से हम अपनी भवनाओं को प्रकट कर सकते हैं। यह एक बहुत ही सरल वो आसान भाषा में लिखी होती है।
पत्र एक जरिया है जिससे किसी भी खबर, जरूरी जानकारी, आदि.... दूर दराज़ के स्थान में भी पहुचाया जाता है।
★ पत्र के प्रकार -
- औपचारिक ।
- अनौपचरिक ।
औपचारिक पत्र :
- ये किसी संस्था, कार्यलाय, आदि जो आधिकारिक को लिखे जाने वाले पत्र को कहते है।
जैसे ; अपने स्कुल, कॉलेज, या किसी संस्था में।
उदाहरण १:
अपने बहन की शादी में अनुपस्थिति की छुट्टी के लिए प्रधान अध्यापक को पत्र लिखें।
सवा में,
प्रधानचार्य
दीनंक -
महोदय,
सविनय निवेदन यह है की,मैं आपके स्कूल में कक्षा ८ का छात्र हूँ। कुछ ही दिनों मे मेरी बड़ी बहन की शादी है तथा मेरा वहाँ जाना अवश्य है। इसलिए में [आरंभ करने की तिथि - अंतिम तिथि] दिनों स्कूल मे अनुपस्थिति की छुट्टी के लिए आपको पत्र लिखा रहा हूँ। मुझे बहुत खुशी मिलेगी और सदा आभारी रहूंगा अगर आप मेरे निवेदन को स्वीकार करें।
अतः मेरे निवेदन को स्वीकार कर कृपया मुझे कुछ दिनों की छुट्टी अनुदान करें।
धन्यवाद !
आपका अज्ञाकारी छात्र
[नाम]
अनौपचारिक पत्र :
- ये पत्र अपने निजी/वयक्तिगत लोगों को लिखते है।
जैसे ; माता/पिता, भाई/बहन, या किसी मित्र अथवा रिश्तेदारों को।
उदाहरण २: अपने मित्र को जन्मदिन की शुभकामना देते ही पत्र लिखो।
[पता ३ सनी में ]
दीनंक -
प्रिय मित्र,
तुम्हारा पत्र मिला, पढ़कर अच्छा लगा ।आशा है की तुम कुशलपूर्वक हो। पता चला तुम्हारा जन्मदिन आने वाला है, मुझे बहुत खुशी है। जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ, ये बहुत ही हर्ष दिन है। मैं अवशय आता लेकिन मेरी परीक्षाएँ अत्यंत निकट है इसलिए मे नहीं आ पाया। आशा है तुम बहुत शुकुशुल्पूर्वक अपना जन्मदिन मनाओगे।
यही पर अपनी लेखनी को विराम देते ही मै तुम्हारे अगले पत्र का इंतज़ार में।
तुम्हारा मित्र
[नाम]
_____________________
☆पत्र लेखन:
प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने संदेश या भाव दूसरों तक पहुँचाने के लिए पत्र का सहारा लेता आया है । आधुनिक काल में टेलीफ़ोन , फैक्स , ई - मेल आदि के आ जाने से इसके प्रयोग में तोड़ी कमी अवश्य आ गयी है , परंतु इसका महत्त्व नहीं घटा है | आज भी हमें विद्यालय से अवकाश लेते समय आवेदन पत्र अथवा किसी समस्या से अवगत कराने के लिए अन्य पत्र की आवश्यकता पड़ती है । पत्र लिखित दस्तावेज़ होते हैं ।
☆पत्र के भेद:
पत्र किस विषय पर और किसको लिखा जा रहा है इस आधार पर पत्र दो प्रकार के होते हैं:
- औपचारिक पत्र
- अनौपचारिक पत्र
औपचारिक पत्र: चारिक पत्र का प्रयोग दफ्तर कार्यालय विद्यालयों महाविद्यालयों और सांसदों द्वारा एक दूसरे को सूचना अंसारी तथा तथ्यों आदि के आदान-प्रदान में किया जाता है इन पत्रों को लिखते समय औपचारिकताओं का ध्यान रखा जाता है।
औपचारिक पत्र लिखने का तरीका-
सेवा में
प्रधानाचार्य या अन्य व्यक्ति का पद
स्कूल या विभाग का नाम
स्कूल या विभाग का पता
महोदया/महोदय,
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आपका आज्ञाकारी छात्र
नाम व कक्षा या पद
दिनांक
औपचारिक पत्र उदाहरण:
# आपके पिताजी जिलाधिकारी रही है और आपके मोहल्ले में बिजली का वितरण अनियमित रूप से किया जा रहा है जिससे विद्यार्थियों को अपनी परीक्षा की तैयारी करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है अतः आप जिलाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए नियमित बिजली वितरण का आग्रह करें।
सेवा में,
जिलाधिकारी
संत रविदास नगर
पुणे
दिनांक- १२/१२/२०१२
विषय: बिजली की अनियमितता के संबंध में शिकायत पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मेरा नाम आलोक त्रिपाठी है मैं प्रतीक गतिशील सोसाइटी में निवास करता हूं। आजकल हमारे मोहल्ले में बड़े और नियमित रूप से बिजली की कटौती की जा रही है जिससे विद्यार्थियोंथियों को सबसे बड़ा समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जैसाजैसा की विधित है कि आज कल की परीक्षा शुरू है जिससे रात्रि के समय अध्ययन करते समय विद्यार्थियों को रोज अंधेरे की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। इस प्रकार और नियमित बिजली की कटौती से छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
अतः आपसे निवेदन है कि विद्यार्थियों की इस समस्या को ध्यान में रखकर बिजली को नियमित करने हेतु संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का आदेश प्रदान करने की कृपा करें।
भवदिय,
आलोक त्रिपाठी
मकान नंबर 12
प्रगतिशील सोसाइटी
अनौचारिक पत्र:
अनौपचारिक पत्र का प्रयोग हम अपने अपनों के लिए करते हैं। इस पत्र से हम अपने रिश्तेदारों संग एक दूसरे के बारे में जानकारी आदान-प्रदान में करते हैं।
अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका:
भेजने वाले का पता
दिनांक
पत्र पाने वाले का पता
प्रिया/पूजनीय ________,
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आपकी ______
नाम
अनौपचारिक पत्र का उदाहरण:
# अपने दोस्त को परीक्षा में अव्वल आने के लिए बधाई पत्र लिखें।
मकान नंबर - १२३
शौर्य वाटिका
पुणे
दिनांक - १२/१२/२०१२
मकान नंबर - ४५६
शौर्य वाटिका
पुणे
प्रिया शगुन
सस्नेह नमस्ते, आशा है तुम वहां कुशल होगे। मैं तुम्हें परीक्षा में प्रथम आने की बधाई देना चाहता हूँ। यह सुनकर हम सबको बहुत प्रसन्नता हुई कि तुम्हें अपनी कक्षा में सबसे अधिक अंक मिले हैं और पुरस्कार भी मिला। हमें इस बात की खुशी है कि तुम्हारी मेहनत सफल हुई।
अंकल आंटी को प्रणाम।
तुम्हारी प्रिय मित्र
संस्कृति