Explain ras {in grammar [hindi]
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परिभाषा :- जब विभाव अनुभाव तथा संचारी भाव से पुष्ट होकर नाम का स्थायी भाव उत्पन्न होता है वह रस कहलाता है
रस के भेद
समान्यतः रस नौ प्रकार के होते हैं
परन्तु वात्सल्य रस को दसवां एवं भक्ति रस को ग्यारहवां रस माना गया हैं :
रस एवं उसके स्थायी भाव क्रमश निम्न प्रकार हैं
रस स्थायी भाव आसान सी पहचान
श्रंगार रस
Shringar Ras रति स्त्री पुरुष का प्रेम
हास्य रस
Hasya Ras हास, हँसी अंगों या वाणी के विकार से उत्पन्न उल्लास या हँसी
वीर रस
Veer Ras उत्साह दया, दान और वीरता आदि को प्रकट करने में प्रसन्नता का भाव
करुण रस
Karun Ras शोक प्रिय के वियोग या हानि के कारण व्याकुलता
शांत रस
Shant Ras निर्वेद, उदासीनता संसार के प्रति उदासीनता का भाव
अदभुत रस
Adbhut Ras विस्मय, आश्चर्य अनोखी वस्तु को देखकर या सुनकर आश्चर्य का भाव
भयानक रस
Bhayanak Ras भय बड़ा अनिष्ट कर सकने में समर्थ जीव या वस्तु को देखकर उत्पन्न व्याकुलता
रौद्र रस
Raudra Ras क्रोध काम बिगाड़ने वाले को दंड देने वाली मनोवृति
वीभत्स रस
Vibhats Ras जुगुप्सा घिनौने पदार्थ को देखकर होने वाली ग्लानि
वात्सल्य रस
Vatsalya Ras वात्सल्यता, अनुराग संतान के प्रति माता-पिता का प्रेम भाव
भक्ति रस
Bhakti Ras देव रति ईश्वर के प्रति प्रेम