Explain : सहयोग से हर कार्य की पूर्ति होती है।
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Answer:
this is right
Explanation:
you help anyone and he will happy and you also feel good
सहयोग की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए...
मनुष्य अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति एकाकी प्रयत्नों से नहीं कर सकता। बड़े लक्ष्यों के लिए और व्यापक प्रभावों के लिए और विकास के लिए उसे हमेशा दूसरों के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है।
एक तरफ यह समाज के सदस्यों को व्यक्तिगत और सामूहिक विकास के लिए राह तैयार करता है, दूसरी तरफ विघटनकारी तत्वों पर अंकुश लगाने में भी प्रमुख उपकरण के रूप में काम आता है।
देखा जाय तो समाज नामक अवधारणा के विकसित होने के पीछे भी सहयोग ही सर्वप्रमुख आधार रहा है। परिवार, समूह, समाज, राष्ट्र जैसी अवधारणाएं भी सहयोग के बल पर विकसित हुई हैं।
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सहयोग की प्रमुख परिभाषाएं दीजिए...
ऑर्नोल्ड डब्ल्यू ग्रीन के मुताबिक: सहयोग दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी कार्य को करने या किसी समान उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला निरंतर एवं सामूहिक प्रयत्न ही सहयोग है।
लेस्ली के शब्दों में-वैयक्तिक या सामूहिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला निरंतर एवं सामूहिक प्रयत्न सहयोग है।
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सहयोग के दो अनिवार्य तत्व क्या हैं...
उपरोक्त परिभाषाओं में समाजशास्त्रीय अर्थ में सहयोग की परिभाषा के अंतर्गत आने के लिए किसी सामूहिक प्रयत्न में दीर्घकालिक परस्पर निर्भरता जरूरी है।
अगर कुछ व्यक्ति मिलकर थोड़ी देर के लिए कोई उपयोगी या अनुपयोगी कार्य के लिए सामूहिक प्रयास करते हैं तो यह सहयोग होते हुए भी सामाजिक रूप से सहयोग की अवधारणा में नहीं आएगा।
जैसे नारेबाजी, मार-पिटाई, बोरे उठवाना आदि।
लेकिन यदि यह दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए और सामूहिक विकास के लिए होता है तो यह सामाजिक सहयोग की अवधारणा में शामिल होगा। उदाहरण के लिए मिलजुलकर किसी सड़क या मंदिर का निर्माण करना, मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष करना आदि। ........................................................................................
सहयोग के पीछे कौन से कारक काम करते हैं, स्पष्ट की कीजिए...
-स्वार्थपूर्ति
-लोकोपकार
-समूह रक्षा
-समाजिक स्थायित्व
-योग्यता की सीमाएं
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सहयोग के विभिन्न भेदों पर प्रकाश डालिए...
मकीवर एवं पेज ने सहयोग को दो भागों में बांटा है-१. प्रत्यक्ष सहयोग २. अप्रत्यक्ष सहयोग।
आर्नोल्ड डी ग्रीन ने सहयोग को तीन भागों में बांटा है 1. प्राथमिक सहयोग 2. द्वितीयक सहयोग, ३. तृतीयक सहयोग
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प्रत्यक्ष सहयोग से आप क्या समझते हैं...
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा समूह समान उद्देश्यों के लिए समान कार्य करते हैं, तो इसे प्रत्यक्ष सहयोग कहा जाता है। जैसे किसी को चुनाव में विजयी बनाने के लिए सामूहिक प्रचार।
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अप्रत्यक्ष सहयोग से आप क्या समझते हैं...
जब समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सहयोग करने वाले लोग असमान या भिन्न प्रकार के कार्य करते हैं तो इसे अप्रत्यक्ष सहयोग कहते हैं, जैसे किसी अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था की श्रृंखला के रूप में कर्मचारी, डॉक्टर, परीक्षक आदि अलग-अलग कार्य करते हुए भी सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक होते हैं।
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प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक सहयोग की अवधारणाओं में अंतर बताइए
प्राथमिक सहयोग
साझा हितों यानी एक जैसे हित होने पर सहयोग का कृत्य
द्वितीयक सहयोग
स्वार्थवश या एक दूसरे के पूरक के रूप में किया जाने वाला कृत्य
तृतीयक सहयोग
संघर्ष से बचने के लिए, या संघर्ष के लिए समाधान स्वरूप सहयोग या समझौते का कृत्य
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