English, asked by pritiprincess96, 15 hours ago

explain the chapter ak tinka​

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Answered by Itzking124
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एक तिनका कविता में कवि ‘हरिऔध’ जी ने हमें कभी भी अहंकार ना करने की सलाह देते हुए कहते है कि एक दिन वे बड़े घमंड के साथ अपने घर की मुंडेर पर खड़े होकर यह सोच रहे थे कि मुझे कोई दुख नहीं है, तभी हवा में उड़ कर उनकी आँख में एक तिनका पड़ जाता है। वे तिलमीला उठते है, उन्हें बड़ी तकलीफ होती है। उनकी तकलीफ को देखकर लोग उनकी मदद करने पहुँच जाते है । कपड़े की मूँठ से जैसे-तैसे तिनका उनकी आँख से निकला जा सका। तिनके के निकलने के साथ ही कवि के मन से घमंड भी निकल जाता है और उन्हें यह एहसास होता है कि मनुष्य को जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए । कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने से उन्हें बड़ी ही बेचैनी हुई। उनकी आँख लाल हो गई और दुखने लगी। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया। इन पंक्तियों के ज़रिए कवि हमें भी घमंड से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। चाहे इंसान कितना भी बड़ा हो जाए, उसका घमंड चकनाचूर हो ही जाता है। एक तिनका कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें घमंड ना करने की प्रेरणा दी है।

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