Economy, asked by rohan211, 1 year ago

explain the Ricardian theory of rent with example hindi me answer

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Answered by Hussain810
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रिकार्डो के लगान सिद्धान्त को ‘लगान का प्रतिष्ठित सिद्धान्त’ भी कहा जाता है । रिकार्डो से पूर्व प्रकृतिवादी अर्थशास्त्रियों (Physiocrats) ने लगान सम्बन्धी अपने विचार प्रस्तुत किये थे । प्रकृतिवादियों के अनुसार कृषि ही एकमात्र क्षेत्र है जहाँ अतिरेक (Surplus) उत्पन्न होता है । प्रकृतिवादियों ने कृषि क्षेत्र की अतिरेक क्षमता का कारण प्राकृतिक तत्वों का योगदान बताया था ।

उनके अनुसार मानव पर प्रकृति का दयालु होना लगान का मुख्य कारण है । डेविड रिकार्डो पहले अर्थशास्त्री थे जिनका यह विश्वास था कि प्रकृति मानव पर दयालु नहीं बल्कि कृपण होती है । उनके अनुसार लगान भी प्रकृति की उदारता के कारण नहीं बल्कि कृपणता के कारण उत्पन्न होता है ।

Answered by dackpower
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रिकार्डियन सिद्धांत

Explanation:

किराए का रिकार्डियन सिद्धांत किराए के शुरुआती सिद्धांतों में से एक है। इसका नाम 19 वीं सदी के महान शास्त्रीय अर्थशास्त्री रिकार्डो के नाम पर रखा गया है।

रिकार्डो के अनुसार, 'किराया धरती की उपज का वह हिस्सा है जो मिट्टी की मूल और अविनाशी शक्तियों के उपयोग के लिए मकान मालिक को भुगतान किया जाता है।'

रिकार्डो ने उपनिवेश का उदाहरण लेते हुए अपने सिद्धांत को समझाया।

अगर कुछ लोग एक जगह जाकर बस जाते हैं, तो सबसे पहले वे सबसे अच्छी जमीनों पर खेती करेंगे। यदि अधिक लोग जाते हैं और बस जाते हैं, तो भूमि की मांग बढ़ जाएगी और वे दूसरे दर्जे की भूमि पर खेती करेंगे। उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी। तो बाजार में अनाज की कीमत खेती की लागत को कवर करना चाहिए। इस मामले में, पहली श्रेणी की जमीन का किराया मिलेगा। कुछ समय बाद, यदि जनसंख्या में वृद्धि होती है, तो भी तीसरी श्रेणी की भूमि पर खेती की जाएगी। अब दूसरी श्रेणी की जमीनों को भी किराए पर मिलेगा और पहली श्रेणी की जमीनों को अधिक किराया मिलेगा लेकिन तीसरे दर्जे की जमीन को किराया नहीं मिलेगा। इसे नो - रेंट लैंड के रूप में जाना जाता है।

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किराए पर दुकान लेने हेतु मकान मालिक से बातचीत पर संवाद लेखन

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