फीचर लेखन on topic सड़के सकड़ी भारी भीड़
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प्रस्तावना: जैसे-जैसे हम बाईसवीं शताब्दी की ओर बढ़ते जा रहे हैं। वैसे वैसे हमारा जीवन विभिन्न स्तरों पर शंकरा और सीमित होता जा रहा है। यो तो हम जीवन में आने वाली प्रत्येक विपरीत ओर विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए कमर कस रहे हैं। तथापि यह परिस्थितियां भी हमसे होड़ लेती हुई हमें पछाड़ने की बहुत कोशिश करती हैं। जो कुछ भी हो यह सत्य है कि हम आने वाले समय में अधिक सीमित और समाधानहीन जीवन जीने के लिए बाध्य होंगे। आखिर क्यों? यह इसलिए की जनसंख्या की बेतहाशा वृद्धि ने समस्या ने ऐसी जाल फैला दिया है। जिसमें हमें बिना फंसे उलझे रह पाना बड़ा ही कठिन सा होने लगा है।
महानगरों में सड़कों पर बढ़ती भीड़: बढ़ती आबादी के कारण महानगरों में समस्याओं के रूप-प्रतिरूप दिखाई देने लगे है। आवास की समस्या, बिजली की समस्या, पानी की समस्या, यातायात की समस्या, नौकरी और रोजी-रोटी की समस्या, आदि महानगरों की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या है। यह सभी समस्या अपनी- अपनी जड़े गहरी कर चुकी हैं। अतएव इनकी जड़ो को उखाड़ फेंकने की बहुत बड़ी जटिल समस्या उत्पन्न हो गई है। किसी संबंध में यह कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि इन सब समस्याओं पर अगर हम गंभीरता पूर्वक विचार करें तो हम यह अवश्य कहेंगे कि महानगरों की सबसे कठिन और भयंकर समस्या सड़कों पर बढ़ती भीड़ है।
सड़कों पर बढ़ती भीड़ के कारण: महानगरों की सबसे प्रमुख समस्या सड़को पर बढ़ती भीड़ की समस्या है। इसका मुख्य कारण है कि यहां यातायात के अधिक साधन है। रेल, कार, स्कूटर, साइकिल, रिक्शा, आदि। इन सभी साधनों होने के बावजूद प्रतिदिन ओर प्रतेक समय यातायात की समस्या का सामना करना पड़ता है। इतने साधन होने पर यातायात की समस्या उत्पन्न होना एक हास्यपद होने के साथ -साथ आश्चर्यजनक भी दिखाई पड़ता है।
महानगरों से दूर का निवासी को यह सहसा विश्वास नहीं होगा कि इतने साधनों के बावजूद सड़कों की समस्या आखिर क्यों उत्पन्न होती है। इस तथ्य पर जब हम विचार करते हैं तो यह अवश्य प्राप्त करते हैं। कि महानगरों में आम आदमी अधिक रहता है। अतः उसके पास यातायात के साधन नहीं होते है। उन्हें अपने आवास से बहुत दूर काम पर जाना पड़ता है। इतनी दूरी तक साइकिल जैसा कोई छोटा सा साधन सुलभ नहीं होता है। फलतः वे किसी साधन से अपने काम पर पोहचते है। यह कटु सत्य है। कि आप व्यक्ति को साइकिल जैसा छोटा सा साधन उपलब्ध होने पर भी इतनी दूर समय पर पहुंचने में बहुत कठिनाई होती है। अतः वो किसी दूसरे साधन का सहारा लेता है। ओर वही साधन सड़को पर भीड़ बढ़ाने का कारण भी बनता है।
सड़कों पर भीड़ बढ़ाने का अन्य कारण: हम देखते हैं कि साधन संपन्न व्यक्ति तो कार, स्कूटर, टैक्सी आदि से अपनी यात्रा प्रतिदिन किया करते हैं। जबकि आम आदमी को इसके लिए बहुत बड़ी दुर्गति उठानी पड़ती है। हम यह कह चुके हैं। कि महानगरों में आम आदमी ही अधिक रहता है तो वह स्थानीय परिवहन व्यवस्था पर निर्भर रहता है। इसका मुख्य कारण है सस्ता किराया, इसलिए आम आदमी स्थानीय रेलवे, बस और टेंपो आदि परिवहन व्यवस्था पर निर्भर बना रहता है। हम यह भलीभांति जानते कि महानगरों में यातायात के सर्वाधिक साधन बस परिवहन ही है। यही कारण कि बस परिवहन की ओर ही महानगरों की आम जनसंख्या निर्भर होती है। इसलिये बस सेवा अधिक हो कर भी कम पड़ जाती है। इससे यातायात की समस्या एक जटिल समस्या बन जाती है। और सड़कों पर बढ़ती भीड़ निरंतर दिखती रहती है।