Hindi, asked by soninikhil12sharp, 8 days ago

फागुन के सावन का कोई अच्छा प्रभाव​

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Answered by atharvayat2009
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Answer:

इस समय खेतों में रबी फसल फूल रही है और इस बारिश से सरसों, चना व गेहूं को नुकसान पहुंचा है। यदि बारिश जारी रही तो फसल उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अंचल में पहले से ही स्वाइन फ्लू का कहर जारी है औऱ बारिश के चलते तापमान और कम हो गया है। इससे स्वाइन फ्लू के साथ दूसरी बीमारियों के फैलने की आशंका औऱ ज्यादा हो गई है।

Answered by ItzAshleshaMane
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Answer:

ग्वालियर। चंद दिनों के बाद भले ही रंगों का उत्सव होली हो, लेकिन आसमान देखकर यही लग रहा है कि फागुन के महीने में सावन की घटा छाई हुई है और जमकर बारिश हो रही है। बारिश भी ऐसी, जो पिछले 24 घंटे से लगातार जारी है। आने वाले दो दिनों में भी इस बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

शनिवार की शाम को शहर के ऊपर अचानक बादल घिर आए और लोग कुछ समझ पाते, इसके पहले झमाझम बारिश शुरू हो गई। अचानक हुई बारिश से लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। रात को शुरू हुई बारिश रविवार को भी जारी रही। एक प्रकार से संडे की छुट्टी लोगों की घर में ही मनी। यह बारिश दिन भर होती रही।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के कारण अंचल में बारिश हो रही है और । अभी एक-दो दिन बारिश देखने को मिलेगी, क्योंकि राजस्थान के चक्रवात का असर भी बना हुआ है।

किसानों को नुकसान

बेमौसम बारिश होने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान फसलों को है। इस समय खेतों में रबी फसल फूल रही है और इस बारिश से सरसों, चना व गेहूं को नुकसान पहुंचा है। यदि बारिश जारी रही तो फसल उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

स्वास्थ्य पर खतरा मंडराया

अंचल में पहले से ही स्वाइन फ्लू का कहर जारी है औऱ बारिश के चलते तापमान और कम हो गया है। इससे स्वाइन फ्लू के साथ दूसरी बीमारियों के फैलने की आशंका औऱ ज्यादा हो गई है। बीच में उम्मीद थी कि तामपान में वृद्धि होने पर स्वाइन फ्लू का वायरस निष्क्रीय हो जाएगा, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। इसके अलावा मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।

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