फागुन में ऐसी क्या बात थी कि कवि की आँख हट नहीं रही थी? (2)
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phagun me ye bat thi ki phagun me Jo barish ho rahi this chidiya chah chaha rhi thi ise dekhkar kavi ki ankhe hat nhi rahi thi.
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फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।
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