फूल है गुलाब का चमेली का मत समझना, फूल है गुलाब का चमेली का मत समझना, आशिक हूं आपका सहेली का मत समझना।
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Wah!! what a shayari.
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Give me thanks
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कवि कहते हैं कि फूल गुलाब है, चमेली मत सोचो, फूल गुलाब है, चमेली मत समझो मेरे दोस्त के प्यार को मत समझो। उसकी तुलना नहीं की जा सकती, उसमें लिखा है कि यह गुलाब का फूल है न कि यह चमेली जैसा है, प्रेमी उसका है उसका मित्र नहीं है।
इस कविता में लेखक अपने प्रेमी के प्रति अपने प्रेम का इजहार करता है।
वह गलत व्याख्या का उदाहरण देकर अपनी भावना व्यक्त करने की कोशिश कर रहा है।
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