फूल की आत्मकथा in Hindi
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मैं फूल हूँ, मेरा जन्म पेंड़-पौधों से हुआ है, मैं तमाम तरह के रंगों से सराबोर हूँ, और साथ ही मुझमें तमाम तरह की सुगंध पाई जाती है जो पूरी दुनियाभर को महकाती है, मेरे ही केंद्र से केसर जैसे सुगंदित चीजो का जन्म होता है और मुझसे ही तालमखाने की शुरुआत हुई है, मुझसे ही कई सब्जियां भी बनाई जातीं हैं।
please thanks my answer
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मैं एक फूल हुँ। मेरा अस्त्तिव इस संसार में तब से है जब इस संसार का निर्माण हुआ था ऐसा आप सोचते है लेकिन ऐसा नहीं है , मैं तो तब से हू जब से ईश्वर हैं क्योँकि ईश्वर मुझसे ही पूजे जाते हैं। मैं इस संसार के हर कोने में पायी जाती हूँ।
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