फूल को जो है यह,फूलको जो फूल समझे, भूल है यह,
शूल समझे,
भूल
में अनुकूल या प्रतिकूल के
कण,
धूलि भूलों की हटाने आ रहा हूँ।
देखकर मँझधार को घबरा न जाना,
हाथ ले पतवार को घबरा न जाना,
मैं किनारे पर तुम्हें थकने न दूंगा,
पार मैं तुमको लगाने आ रहा हूँ।
1.question='पार मै तुमको लगाने आ रहा हूँ ।' इस पंकि्त दवारा कवि किस परिसि्थति में सहायक बनने का आशवासन दे रहे है ?
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sorry dear brrooo or sissss
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