फूलों की राह पुरानी है. शूलों की राह नई साथी
सुमनों के पथ पर बरणों के कितने ही चिन्ह पड़े होने
लालायित फिर भी चलने को, कितने ही चरण खड़े होने
पर, गैल अछूती शूलो की, जो चूमे वही जवानी.
जो लहू सीचकर बढ़ते है, उनका ही कूच रवानी है
जीवन की चाह पुरानी है, मरने की चाह नई साथी
फूलों की राह पुरानी है,गूलों की राह नई साथी
(क) उपर्युक्त पद्याश का उचित शीर्षक लिखिए।
Answers
Answered by
3
FULO KI RAAH PURAANI HAI..
I THINK YHI SHIRSHAK HONA CHAHIYE..
Similar questions