Hindi, asked by alienxy5917w85, 10 months ago

फिल्म के दुष्प्रभाव अनुच्छेद in hindi​

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Answered by harishsharmaji0001
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Answer:

सिनेमा की हानियां:

सिनेमा से जहा अनेक लाभ हैं, वहाँ कुछ हानियाँ भी हैं । सिनेमा देखकर दर्शक जीवन की वास्तविकता से दूर होकर हवाई किले बनाने लगता है । भारत के चलचित्रों में अधिकांशत: प्रेम-कहानियां दिखाई जाती है ।

कहीं-कहीं अश्लीलता दिखाने में भी संकोच नहीं होता । इनका किशोर मन पर बड़ा बुरा प्रभाव पडता है । वे छोटी उम्र से ही अपने आवेगो पर से नियंत्रण खो बैठते है ।

सिनेमा से युताउगें में नए-नए फैशन का बडा प्रचार होता है । सिनेमा चकातौन से प्रभावित होकर अनैयन् लोग पुरे कामों में पडकर अपने शौकों को पूरा करने के लिए धन जुटाते है । मार-काट, हिंसा, बलात्कार, चोरी और डकैती आदि के व्यापक प्रदर्शन से बाल यघैर युवा गन पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है । इनके फलस्वरूप समाज में हिंसा और अव्यवस्था फैलती जा रही हे ।

सिनेमा का स्वास्थय पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है । बन्द हाल में घंटों तक स्वचच्छ वायु नहीं मिलती । इसमें सांस लेकर हमारे फेफड़े कमजोर हो जाते है । हमारे आखों पर भी सिनेमा के पर्दे पर पड़ने वाली तेज रोशनी का बुरा प्रभाव पड़ता है ।

उपसंहार:

ऊपर बताई गई हानियाँ सभी सिनेमा की बुराइयाँ नहीं कही जा सकती । अधिकांश बुराइया निर्माताओं की अदूरर्शिता और धन-लोलुपता के कारण हैं । यदि निर्माताओं उद्देश्य केवल धन कमाना ही न हो, तो हमारी फिल्मो को स्तर ऊँचा उठ सकता है और इनकी मदद से देश का बड़ा उपकार हो सकता है । यदि इन बुराइयों को दूर कर दिया जाये, तो निश्चय ही सिनेमा मानव-जीवन के विकास और देश के निर्माण में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।

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