फिल्म उद्योग और नशाखोरी पर अनुच्छेद plz plz answer fast
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फिल्म उद्योग और नशाखोरी पर अनुच्छेद...
फिल्म उद्योग और नशाखोरी आज के समय में एक चिंतनीय विषय बन गई है। फिल्म उद्योग में नशाखोरी कोई नई बात नहीं है, लेकिन पहले यह प्रचलन बहुत कम स्तर पर था, लेकिन आज फिल्म उद्योग में नशाखोरी की प्रवृत्ति बेहद बढ़ती जा रही है। फिल्म के जो नए कलाकार हैं, वह जल्दी मिलने वाली शोहरत के कारण नशाखोरी के जाल में फँसते जा रहे हैं।
आज के समय में फिल्म व्यवसाय बेहद व्यापक स्तर पर फैल गया है, फिल्मे सौ-सौ करोड़ का बिजनेस करती हैं, जिसके कारण जल्दी शोहरत और पैसा मिलता है और फिल्मी फिल्मी कलाकार पैसे की चमक दमक में आकर अपने जीवन को बहुत अधिक विलासिता पूर्ण बना लेते हैं और नशाखोरी जैसी प्रवृत्ति की ओर मुड़ जाते हैं, जो आज बेहद चिंता का विषय है।
फिल्मी कलाकार समाज का प्रतिबिंब होते हैं, लोग फिल्मों का हमारे समाज में इतना अधिक प्रभाव है कि समाज के युवा वर्ग फिल्मी कलाकारों की जीवन शैली से प्रभावित होते हैं और उन्हीं का आरक्षण अनुसरण करते हैं। ऐसी स्थिति में यदि फिल्मी कलाकार नशा जैसे कार्यों को मुड़ेंगे कि युवा वर्ग भी उनसे प्रेरणा लेकर नशाखोरी की ओर बढ़ सकता है। इसलिए आज फिल्मी उद्योग में नशाखोरी की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना आवश्यक हो गया है, ताकि बात आगे बिगड़ ना जाए।
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